Edited By meena, Updated: 23 May, 2025 02:04 PM

मध्य प्रदेश के उज्जैन के जिला प्रशासन ने शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच शहर के बेगम बाग इलाके में अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए तोड़फोड़ अभियान चलाया...
उज्जैन (विशाल सिंह) : मध्य प्रदेश के उज्जैन के जिला प्रशासन ने शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच शहर के बेगम बाग इलाके में अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए तोड़फोड़ अभियान चलाया। इस अभियान में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में उन 28 संपत्तियों को चिन्हित किया गया, जो या तो बिना लीज नवीनीकरण के बेची गई थीं या जिन पर अवैध निर्माण पाया गया था। प्रारंभिक चरण में तीन संपत्तियों पर कब्जा लेने की कार्रवाई की गई।
कार्रवाई की जानकारी मिलते ही सुबह 5 बजे से मुस्लिम समाज के लोग बड़ी संख्या में सड़कों पर उतर आए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। यह इलाका महाकाल मंदिर के पास स्थित है और जिला प्रशासन की कार्रवाई का विरोध करने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के सैकड़ों लोग वहां एकत्र हुए। हालात को देखते हुए कुछ समय के लिए महाकाल मंदिर की ओर जाने वाला मार्ग भी एहतियातन बंद करना पड़ा। जिसके बाद शहर काजी मौके पर पहुंचे, अधिकारियों से चर्चा की और बाद में लोगों को समझाया कि अदालत के निर्देशानुसार कार्यवाही की जा रही है।

मौके पर उज्जैन विकास प्राधिकरण के सीईओ संदीप सोनी, एसडीएम एलएन गर्ग और एडिशनल एसपी नीतेश भार्गव खुद मौजूद रहे। इलाके में शांति बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) नितेश भार्गव के मुताबिक, बेगम बाग इलाका महाकाल मंदिर से सटा हुआ है और यहां बने दो घरों को यूडीए (उज्जैन विकास प्राधिकरण) ने अतिक्रमण के तौर पर चिन्हित किया था। हम सुरक्षा के लिए मौके पर मौजूद हैं, ताकि कोई उपद्रव या अप्रिय स्थिति न पैदा हो। मौके पर करीब 150 पुलिसकर्मी तैनात हैं।" इस बीच, उज्जैन विकास प्राधिकरण (यूडीए) के सीईओ संदीप सोनी ने बताया कि प्राधिकरण ने बेगम बाग इलाके में लोगों की जमीन और दुकानें लीज पर दी थीं। जब इलाके में सर्वे किया गया तो पता चला कि लोगों ने लीज का नवीनीकरण नहीं कराया, बल्कि इलाके को रिहायशी भी बना लिया। इसके बाद कुल 28 संपत्तियों की पहचान की गई, लेकिन कुछ ने कोर्ट से स्टे ले लिया। कोर्ट से स्टे हटने के बाद दो संपत्तियों को खाली कराकर उन पर कब्जा लिया जा रहा है।

अधिकारी ने आगे बताया कि ‘आज जो कार्रवाई चल रही है, वह उज्जैन विकास प्राधिकरण की योजना का हिस्सा है। करीब डेढ़ साल पहले, उज्जैन विकास प्राधिकरण ने 28-30 संपत्तियों की पहचान की थी, जो लीज शर्तों का उल्लंघन करती थीं और लीज की अवधि भी 2014-15 में समाप्त हो गई थी। उसके बाद लीज रद्द कर दी गई, सारी जमीन प्राधिकरण के नियंत्रण में आ गई। जिन लोगों के पास अभी भी कब्जे हैं, वे वास्तव में अवैध हैं।" "साथ ही, इस मामले में कोर्ट से स्टे भी था। दो दिन पहले कोर्ट ने स्टे हटा दिया। जिसके बाद अब नगर निगम, पुलिस और जिला प्रशासन ने लोगों से बात की है और वे मौके से सामान हटा रहे हैं। खाली होने के बाद, उज्जैन विकास प्राधिकरण इस पर कब्जा लेगा और हटाने की कार्रवाई शुरू करेगा। यह बेगम बाग इलाका है और यूडीए के अंतर्गत आता है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी है और इसमें किसी भी समुदाय के साथ पक्षपात नहीं किया गया है। नियमों के उल्लंघन पर समान रूप से कार्रवाई की जा रही है।