SP अमित सिंह के तबादले की क्या है वजह, पंजाब केसरी की पड़ताल में हुआ बड़ा खुलासा

Edited By Vikas kumar, Updated: 21 Mar, 2019 03:46 PM

big disclosure in amit singh s transfer

मध्यप्रदेश की राजनीति में कांग्रेस और बीजेपी की जंग के बीच अब जनता और चुनाव आयोग की जंग भी शुरू हो गई है ,अब तक सड़कों पर नेताओं के खिलाफ नारे लगते अक्सर आप सुनते थे, ले....

जबलपुर: मध्यप्रदेश की राजनीति में कांग्रेस और बीजेपी की जंग के बीच अब जनता और चुनाव आयोग की जंग भी शुरू हो गई है ,अब तक सड़कों पर नेताओं के खिलाफ नारे लगते अक्सर आप सुनते थे, लेकिन अब चुनाव आयोग मुर्दाबाद के नारे भी लगने लगे हैं और मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल उठाया जा रहा है। मामला मध्यप्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर का है जहां पर एसपी अमित सिंह का तबादला एक शादी समारोह में मंत्री के साथ डांस करने को लेकर कर दिया गया, इस पूरे मामले की तह तक जाएं तो कई तथ्य उजागर होते हैं आखिर तबादले की वजह क्या थी ? आखिर शिकायत में कितनी सच्चाई थी ? आखिर चुनाव आयोग का निर्णय कितना सही था ? इन सवालों के जवाब जनता पूछ रही थी। 

PunjabKesari


मंत्री के साथ डांस पर बवाल ,मिली क्लीन चिट 

जबलपुर एसपी अमित सिंह 21 फरवरी को सागर के बंडा में अपने बैचमेट आईएएस अफसर वर्णाली कुकरेले के देवर विनय राज कूकरेले की शादी में शामिल होने गए थे। वर्णाली के पति विजय राज भी आईपीएस ऑफिसर हैं। इस शादी में आईपीएस विजय राज के मामा और मंत्री लखन घनघोरिया ने भी शिरकत की थी। ऐसे में जबलपुर एसपी अमित सिंह ने बाराती के रूप में उत्साह को बढ़ाने के वहां पर डांस किया। जिसमे मंत्री भी शामिल हुए थे। जिसके बाद वायरल हुए वीडियो को लेकर बीजेपी को इस पर आपत्ती हुई और उसने मध्यप्रदेश निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत कर दी औऱ मांग की, कि अमित सिंह को जबलपुर से हटाय़ा जाए। जिस पर चुनाव आयोग ने जांच करवाई और 14 मार्च को डांस मामले पर अमित सिंह को क्लीन चिट दे दी जाती है, इसके बाद बीजेपी 15 मार्च की सुबह एक और शिकायत बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की अगुवाई में पहुंच कर करती है। जिस पर कहा जाता है की उसी वीडियो में एसपी अमित सिंह मंत्री लखन घनघोरिया के भाई जय घनघोरिया के साथ भी डांस कर रहे हैं, जिस पर 25 हजार का ईनाम भी घोषित है। शिकायत के साथ दिए वीडियो के साथ एक फोटो भी दी जाती है। जिस पर दावा किया जाता है, की इस फोटो और वीडियो में जय घनघोरिया है। इस शिकायत के बाद 24 घंटे के अंदर एसपी अमित सिंह का तबादला जबलपुर से पुलिस हेडक्वार्टर भोपाल कर दिया जाता है।


PunjabKesari


24 घंटे में कैसे हुई जांच, कैसे हुआ तबादला 

जबलपुर के तत्कालीन SP अमित सिंह के खिलाफ बीजेपी ने 15 मार्च को दूसरी शिकायत की। इसके पहले अमित सिंह को पहली जांच में क्लीन चिट मिल चुकी थी। लेकिन दूसरी शिकायत में बिना किसी जांच के ही अमित सिंह को जबलपुर से अलग कर दिया गया, जिसके कारण चुनाव आयोग की भूमिका पर कई सवाल खड़े हो गए। लेकिन जब दूसरी शिकायत की जांच की गई तो पता चला की इस बार तो कोई जांच हुई ही नहीं है और सिर्फ शिकायत के आधार पर ही अमित सिंह का चुनाव आयोग ने तबादला कर दिया। शिकायत में बताया गया की अमित सिंह मंत्री लखन घनघोरिया के भाई जय घनघोरिया के साथ भी वीडियो में डांस करते नजर आ रहे हैं, जिस पर 25 हजार का ईनाम घोषित है, और वो फरार है। इसके साथ बीजेपी एक फोटो भी स्क्रीन शॉट ले कर देती है। जिस पर दावा किया जाता है की यही जय घनघोरिया है।


PunjabKesari


चुनाव आयोग की जांच पर सवाल 

15 मार्च को बीजेपी शिकायत करती है और 16 मार्च को अमित सिंह को जबलपुर से अलग कर दिया जाता है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है की आखिर चुनाव आयोग ने किस तरह 24 घंटे में जांच की। पहला सवाल तो ये है कि, चुनाव आयोग के पास ऐसी कौन सी प्रयोगशाला है जिसने ये बता दिया की वीडियो ओरजिनल है, एडिटेड नहीं, ज्यादातर मामलों पर वीडियो की सत्यता को परखने में महीनों का वक्त तो प्रयोगशाला के साथ पुलिस को लग ही जाता है और दूसरा सवाल यह उठता है कि वीडियो में आईपीएस ऑफिसर अमित सिंह के साथ डांस करता नजर आ रहा वह व्यक्ति जय घनघोरिया ही है, उसकी पहचान किस ने की ? क्या किसी ने मंत्री लखन घनघोरिया से पूछा की ये जय है या विजय ? या फिर जो बीजेपी ने जो कहा वही मध्यप्रदेश के चुनाव आयोग ने सच मान लिया। तीसरा सवाल यह है कि जय घनघोरिया पर कितने का ईनाम घोषित है ? किस अपराध पर फरार है ? इसकी पुष्टि किस ने की ? क्या बीजेपी ने जो कहा वही मान लिया गया ?, सवाल नंबर चार यह है कि 24 घंटे में इस मामले की जांच कैसे हुई ? कमेटी में कौन था ? क्या इस मामले पर कोई बयान अमित सिंह से भी हुए ? इसका जवाब भी चुनाव आयोग के पास नहीं है।

PunjabKesari


विधानसभा चुनाव में मिल चुका है SP को अवार्ड 

ये वही आईपीएस ऑफिसर थे जिनको चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव में निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए अवार्ड दिया गया और इसी चुनाव आयोग ने बिना किसी जांच के इनको जबलपुर से अलग कर दिया। नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का भी यहां पालन नही किया गया, ऐसे में सवाल उठने लगा है की क्या चुनाव आयोग बीजेपी के दवाब में काम कर रहा है ? 

PunjabKesari

वहीं जब इस मामले पर निर्वाचन अधिकारी वीएल कांताराव से बात करनी चाही तो उन्होंने फोन ही रिसीव नहीं किया। इसके बाद जब संयुक्त चुनाव अधिकारी अभिजीत अग्रवाल से फेसबुक लाइव पर सवाल किए गए तो उन्होंने इस मामले पर चुप्पी साध ली।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!