Edited By meena, Updated: 23 Oct, 2025 08:51 PM

भीड़ इतनी कि आम आदमी को खास आदमी तक पहुंच पाना असंभव सा लगा लेकिन कहते हैं कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती...
बैतूल (राम किशोर पवार) : भीड़ इतनी कि आम आदमी को खास आदमी तक पहुंच पाना असंभव सा लगा लेकिन कहते हैं कि कोशिश करने वालों की हार नहीं होती। कुछ ऐसा ही देखने के मिला मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में जहां प्रदेश अध्यक्ष खंडेलवाल से मिलने बडी संख्या में लोग पहुंचे। जिले के इतिहास में इतना बड़ा दरबार आज तक कोई नहीं लगा सका। मुख्य द्वार पर लोगों को लगा रखा था कि वे आने वालों को लेकर आए या उनके प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंचने में मददगार बने।
खण्डेलवाल से मिलने आ रहे प्रमुख लोगों में पड़ोसी जिले से बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो विभिन्न विचार धारा एवं दलों से। अपने और पराये सभी मिल रहे हैं। तीन दिनों से लगभग सवा लाख लोगों का मुलाकात के लिए आना जाना हुआ।

मीडिया के लोगों के लिए एक ऐसे व्यक्ति को मुख्य द्वार पर लगा रखा था जो सबको नाम से एवं चेहरे से जानता एवं पहचानता था। जिले के विधायकों ने भी बहती गंगा में हाथ धोने का काम किया। वे भी इस बहाने अपने - अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों से मिले और प्रदेश अध्यक्ष से मिलवा लाए।

बहरहाल यह कहा जा सकता है कि प्रदेश अध्यक्ष ने जिस नई सोच एवं परम्परा की शुरूआत की है। वह यदि बैतूल से पूरे प्रदेश में एक नवाचार के रूप में शुरू होती है तो बैतूल का मेल-मुलाकात का। बैतूल मॉडल भाजपा संगठन को आम आदमी से जोड़ने में मददगार साबित होगा।