Edited By meena, Updated: 12 Aug, 2025 12:55 PM

जावद जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर जावद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जाट पंचायत में आने वाले आदिवासी गांव झोपडीया की आजादी के...
जावद (सिराज खान) : जावद जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर जावद विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जाट पंचायत में आने वाले आदिवासी गांव झोपडीया की आजादी के 77 साल बाद भी दशा नहीं सुधरी, यहां मुक्तिधाम तक जाने के लिये रास्ता नहीं है, बरसाती नाले में होकर शवयात्रा लेकर जाना पड़ता है। वहीं झोपडीया से जाट स्कूल तक आने के लिये बच्चों को भी नाले के पानी में उतर कर नाला पार करके स्कूल आना पड़ता है जिसको लेकर ग्रामीणों में शासन प्रशासन को लेकर काफ़ी नाराज़गी देखने को मिल रही है।
लोगों का कहना है कि हमने कितनी बार विधायक ओम प्रकाश सकलेचा को लिखित में आवेदन भी दिए और पुल बनाने की मांग की है, लेकिन वर्षों हो गए सिर्फ आश्वासन मिलता है, ना तो विधायक सुनते हैं और ना ही शासन प्रशासन का ध्यान है। स्कूल के बच्चों को यहां से नाला पार करने में जान जोखिम में डालना पड़ती है। रोज उनको जान हथेली पर लेकर यहां से निकलना पड़ता है। ग्रामीणों से बात करने पर ग्रामीण देवीलाल भील ने बताया कि उन्होंने विधायक से लेकर पंचायत तक को कई बार इस गंभीर समस्या से अवगत करवाया है, मगर कोई नहीं सुनता बस आश्वासन मिलता है, कि जल्दी करवा देंगे।

जाट के ग्रामीण अमित भील का कहना है कि अगर किसी गर्भवती महिलाओं के लिये ये नाला जानलेवा है। अगर इमरजेंसी में किसी को अस्पताल ले जाना पड़ता है तो बहुत मुश्किल से यहां से निकलना हो पाता है। अगर बरसात तेज़ हो तो हमारे गांव से कोई बहार निकल ही नहीं पाता। गांव का संपर्क मुख्य सड़क से टूट जाता है।

इधर अन्य ग्रामीणों का कहना है कि मुक्ति धाम तक जाने के लिये नदी के पानी में उतर कर जाना पड़ता है, शव ले जाने मे बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ता है। सैकड़ों बार विधायक से गुहार लगा रहे हैं कि मुक्ति धाम तक जाने के लिये इस पर पुल का निर्माण किया जाए तो कम से कम मरने के बाद की डगर तो सही हो, मगर कभी उनकी इस समस्या की और कोई ध्यान नहीं गया। इसलिए आज सब यहां एकत्रित हुए हैं और सरकार से हमारी मांग है कि जल्दी इस बड़ी समस्या पर ध्यान देकर इसको हल करवाएं।