Edited By meena, Updated: 24 Feb, 2020 12:41 PM
जरा सोचिए कि अगर डॉक्टरों ने किसी को मृत घोषित कर दिया हो और मृतक के परिवार वाले उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे हो लेकिन अचानक मृतक बोलने लगे तो इसे क्या कहा जायेगा। ऐसा ही...
इंदौर(अभिषेक मेहरा): जरा सोचिए कि अगर डॉक्टरों ने किसी को मृत घोषित कर दिया हो और मृतक के परिवार वाले उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे हो लेकिन अचानक मृतक बोलने लगे तो इसे क्या कहा जायेगा। ऐसा ही मामला प्रदेश भर में बेहतर इलाज के लिए माना जाने वाले अस्पताल में सामने आया।
मृत युवक चंद्रशेखर सेहरिया जो लॉ का छात्र है उसके किडनी में समस्या थी। उसके रिश्तेदार मनीष पंवार ने बताया कि शुक्रवार रात लगभग 12 बजे मरीज को मेदांता लेकर पहुंचे थे। जांच के बाद उसे वेंटिलेटर पर रखा और डॉक्टरों ने परिजनों से मिलने भी नहीं दिया। रविवार सुबह उसे मृत घोषित कर दिया। लेकिन जब बच्चे का अंतिम संस्कार के लिए घर ले जाया जा रहा था तो एंबुलेस में उसके शरीर में हरकत हुई और उसने अपनी जुबान से अपनी मां को पुकारा।
इसके बाद आनन फानन में मरीज को दोबारा हॉस्पिटल लाया गया लेकिन डॉक्टरों कि गैर मौजूदगी के चलते इलाज नहीं हो पाया और मरीज को बॉम्बे हॉस्पिटल ले जाया गया। जहां इलाज में देरी होने के कारण मरीज ने दम तोड़ दिया। वहीं घटना को लेकर मरीज के परिवार वालों में खासा आक्रोश देखने को मिला परिवार के सदस्यों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए। हॉस्पिटल को सील करने कि मांग कि है।