CM साय की नई पहल, छत्तीसगढ़ में जल्द लागू होगी ‘इको रेस्टोरेशन पॉलिसी'

Edited By meena, Updated: 27 Nov, 2024 06:01 PM

eco restoration policy  will be implemented soon in chhattisgarh

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य में जल्द ‘इकोरेस्टोरेशन पॉलिसी' लागू की जाएगी। वन विभाग ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है...

रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर राज्य में जल्द ‘इकोरेस्टोरेशन पॉलिसी' लागू की जाएगी। वन विभाग ने इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया है। छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य होगा, जहां इकोरेस्टोरेशन पॉलिसी लागू होगी। अभी तक देश के एक मात्र राज्य केरल में यह पॉलिसी लागू है। इस पॉलिसी के लागू होने से राज्य में वनों का संवर्धन, जल स्त्रोतों का संरक्षण तथा मिट्टी का कटाव रोकने के साथ ही जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा। यह जानकारी राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप एवं वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने आज नया रायपुर के मेफेयर में ‘क्लाइमेट रेसिलिएंट छत्तीसगढ़ हरित और सशक्त भविष्य की ओर' विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए दी। यह कार्यशाला छत्तीसगढ़ राज्य जलवायु परिवर्तन केंद्र एवं सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की गई थी। इस कार्यशाला का उद्देश्य छत्तीसगढ़ और पूर्वी राज्यों में जलवायु अनुकूलता और लो कार्बन आधारित विकास को बढ़ावा देने के लिए ज्ञान साझा करना तथा विभिन्न हितधारकों के बीच संवाद स्थापित करना था।

कार्यक्रम में सर्वश्री केदार कश्यप और ओपी चौधरी ने जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों और उससे निपटने के महत्व पर चर्चा की। कश्यप ने कहा कि ‘जनजाति समुदाय सदैव जल, जंगल, और जमीन का संरक्षक' रहा है। उन्होंने 1910 के भूमकाल आंदोलन का उल्लेख करते हुए जनजातीय समाज ने अंग्रेजों से अपने प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा के लिए संघर्ष किया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हमारी सरकार के सतत विकास लक्ष्यों का अभिन्न हिस्सा है। चौधरी ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक परंपराओं को पर्यावरण संरक्षण के आदर्श उदाहरणों के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कैलाश पर्वत और भगवान शिव-पार्वती, गणेश और कार्तिकेय के साथ उनके वाहन नंदी, बाघ, मूषक और मोर सबके एक साथ रहने के उदाहरण देते हुए सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व की महत्ता को रेखांकित किया।

कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ वन विभाग के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरुण कुमार पांडे ने कहा कि राज्य सरकार ने क्लाइमेट स्टूडियो की स्थापना को स्वीकृति दी है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए नेटिव स्पीशीज के पौधों के रोपण, वन क्षेत्रों के विकास और वेटलैंड संरक्षण की योजनाओं पर जोर दिया। कार्यक्रम में मौजूद राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पर्यावरणविद, शिक्षाविद और नीति-निर्माताओं ने व्यापक चर्चा की।

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