Edited By Himansh sharma, Updated: 28 Jul, 2025 05:33 PM

मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में करोड़ों की संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री का चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
इंदौर। (सचिन बहरानी): मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में करोड़ों की संपत्तियों की फर्जी रजिस्ट्री का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कलेक्टर आशीष सिंह की पहल पर गठित जांच समिति ने करीब 100 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 20 संदिग्ध रजिस्ट्रियों की जांच की, जिसमें गंभीर हेराफेरी और दस्तावेजों की छेड़छाड़ उजागर हुई। इस मामले में कलेक्टर के निर्देश पर एक दर्जन से ज्यादा एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिसमें रजिस्ट्रार कार्यालय के अधिकारियों की भी संलिप्तता नजर आ रही है। मामला उस समय सामने आया जब मुंबई निवासी हस्तीमल चौकसे ने शिकायत की उनके नाम से फर्जी तरीके से एक संपत्ति की रजिस्ट्री की गई है।
इस पर कलेक्टर ने वरिष्ठ पंजीयक को जांच सौंपी, जहां पांच सदस्यीय दल ने जांच पड़ताल की जिसके बाद यह बड़ा घोटाला उजागर हुआ। जांच में सामने आया कि पंजीयन कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में मौजूद असली दस्तावेजों को हटाकर फर्जी दस्तावेजों से रजिस्ट्री की गई। आरोप है कि विभागीय कर्मचारियों और बाहरी दलालों की मिलीभगत से इस घोटाला को अंजाम दिया गया। इस पूरे मामले में पंडरीनाथ थाना पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा एफआईआर दस्तावेजों में हेर फेर करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं में FIR दर्ज कर ली है।
वहीं, एक रिकॉर्ड रूम प्रभारी को पहले ही निलंबित किया जा चुका है और बाकी दोषियों की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है। यह घोटाला न सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि आम लोगों की जमीन-संपत्ति की सुरक्षा को लेकर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है। सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर लोगों में आक्रोश है और वे दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।