Edited By meena, Updated: 09 Dec, 2025 04:50 PM

राजगढ़ जिले की सुठालिया तहसील में निमार्णाधीन विशाल बांध परियोजना के चलते विस्थापित हो रहे गुना जिले के 10 गांवों के किसानों ने मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति के बैनर तले कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान ज्ञापन सौंपा...
गुना (मिसबाह नूर) : राजगढ़ जिले की सुठालिया तहसील में निमार्णाधीन विशाल बांध परियोजना के चलते विस्थापित हो रहे गुना जिले के 10 गांवों के किसानों ने मंगलवार को भारतीय किसान यूनियन महाशक्ति के बैनर तले कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान ज्ञापन सौंपा। किसानों का आरोप है कि परियोजना के लिए मकान सौंपने की अवधि नजदीक आ चुकी है, लेकिन सरकार द्वारा मकानों का मुआवजा और दावे से संबंधित दस्तावेज अभी तक उपलब्ध नहीं कराए गए हैं।
सुठालिया बांध परियोजना की जद में गुना जिले के 10 गांव शामिल हैं, जिनसे 850 परिवार प्रभावित हो रहे हैं। सरकार ने सर्वे के दौरान किसानों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया था। किसानों ने ज्ञापन में बताया कि परियोजना के तहत गुना जिले के 3 गांव पूरी तरह विस्थापित हो चुके हैं। सरकार ने सर्वे के समय जमीन और मकानों का मुआवजा एक साथ देने की बात कही थी। हालांकि, विस्थापित गांवों को सिर्फ जमीनों का मुआवजा दिया गया है, जबकि मकानों की मुआवजा राशि अब तक जारी नहीं की गई है। इसके अलावा, किसानों को ऐसे कोई दस्तावेज भी नहीं सौंपे गए हैं, जिसके आधार पर वे भविष्य में अपने दावे प्रस्तुत कर सकें।

किसानों ने अपनी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सुठालिया परियोजना के तहत निमार्णाधीन यह बांध जुलाई 2026 तक पूरा हो जाएगा। इसके पूरा होते ही लोगों को अपनी जमीनें और मकान छोड़ने होंगे। यानी, जमीन सौंपने की अवधि आ चुकी है, लेकिन मुआवजा राशि का कोई अता-पता नहीं है, जिससे प्रभावित परिवारों में गहरा आक्रोश है। किसानों ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विशेष पैकेज दिए जाने के आश्वासन को भी याद दिलाया। किसानों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि वे अपने मकान तब तक खाली नहीं करेंगे, जब तक उन्हें मकानों का पूरा मुआवजा नहीं मिल जाता।