Edited By meena, Updated: 21 Feb, 2020 11:53 AM
सीएम कमलनाथ ने स्वास्थ्य विभाग को एक अनोखा फरमान जारी किया है। जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मचारी सकते में हैं। कमलनाथ सरकार ने नसबंदी को लेकर विभाग को टारगेट दिया है। इसके तहत हर महीने 5 से 10 पुरुषों के...
भोपाल (इजहार हसन खान): सीएम कमलनाथ ने स्वास्थ्य विभाग को एक अनोखा फरमान जारी किया है। जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मचारी सकते में हैं। कमलनाथ सरकार ने नसबंदी को लेकर विभाग को टारगेट दिया है। इसके तहत हर महीने 5 से 10 पुरुषों के नसंबदी ऑपरेशन करवाना अनिवार्य कर दिया है। ऐसा नहीं करने पर कर्मचारियों को नो-वर्क, नो-पे के आधार पर वेतन नहीं दिया जाएगा।
इस नए फरमान के बाद अब कर्मचारियों को परिवार नियोजन के लिए लोगों में जागरुकता लाने के लिए घर-घर जाना होगा और नसबंदी के लिए मनाना होगा। इसके साथ ही यह भी शर्त भी है कि लोगों की जबरन नसबंदी नहीं करा सकते। बताया जा रहा है कि वर्तमान में प्रदेश के अधिकांश जिलों में फर्टिलिटी रेट 3 है, सरकार ने इसे 2.1 करने का लक्ष्य रखा है। जिसे पूरा करने के लिए हर साल करीब सात लाख नसबंदी की जानी हैं लेकिन पिछले साल हुई नसबंदियों का आंकड़ा सिर्फ हजारों में रह गया था। इसी के चलते राज्य सरकार ने कर्मचारियों को परिवार नियोजन के अभियान के तहत टारगेट पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में नसबंदी के आंकड़ों का गिरते ग्राफिक्स को देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक छवि भारद्धाज ने इस पर नाराजगी जताते हुए सभी कलेक्टर और सीएमएचओ को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मात्र 0.5 प्रतिशत पुरुष नसबंदी के ऑपरेशन किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब विभाग के पुरुषकर्मियों को जागरुकता अभियान के तहत परिवार नियोजन का टारगेट दिया जाए। उनके इस पत्र के बाद सीएमएचओ ने पत्र जारी कर कहा है कि यदि टारगेट के तहत काम नहीं किया तो अनिवार्य सेवानिवृत्ति के प्रस्ताव भेजेंगे।