हीराबाई झरेका बघेल को मिला राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार, राष्ट्रीय द्रौपदी मुर्मू ने किया सम्मानित

Edited By meena, Updated: 09 Dec, 2025 08:17 PM

hirabai jhareka baghel received the national handicraft award honored by nation

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शिल्पी हीराबाई झरेका बघेल को राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार 2023 के लिए सम्मानित की और उन्हें पुरस्कार के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। छत्तीसगढ़ से इकलौते शिल्पी हीराबाई झरेका बघेल...

सारंगढ़/बिलाईगढ़ (धजा भारद्वाज) : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने शिल्पी हीराबाई झरेका बघेल को राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार 2023 के लिए सम्मानित की और उन्हें पुरस्कार के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। छत्तीसगढ़ से इकलौते शिल्पी हीराबाई झरेका बघेल का इस पुरस्कार के लिए चयन हुआ है, जो सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के सारंगढ़ ब्लॉक के ग्राम बैगीनडीह की निवासी हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अन्य शिल्पी कलाकारों को भी वर्ष 2023 और 2024 के लिए राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार प्रदान किए।

राष्ट्रपति ने इस अवसर पर कहा कि कला हमारे अतीत की स्मृतियों, वर्तमान के अनुभवों और भविष्य की आकांक्षाओं को प्रतिबिम्बित करती है। प्राचीन काल से ही मनुष्य चित्रकला या मूर्तिकला के माध्यम से अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करता रहा है। कला लोगों को संस्कृति से जोड़ती है। कला लोगों को एक-दूसरे से भी जोड़ती है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी सदियों पुरानी हस्तशिल्प परंपरा के जीवंत और संरक्षित रहने का श्रेय, पीढ़ी दर पीढ़ी हमारे कारीगरों की प्रतिबद्धता को जाता है। हमारे कारीगरों ने अपनी कला और परंपरा को समय के साथ ढाला है और साथ ही मूल भावना को भी जीवित रखा है। उन्होंने अपनी प्रत्येक कलात्मक रचना में देश की मिट्टी की खुशबू को संजोकर रखा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि हस्तशिल्प न केवल हमारी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं, बल्कि आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी हैं। यह क्षेत्र देश में 32 लाख से ज़्यादा लोगों को रोज़गार देता है। उल्लेखनीय है कि हस्तशिल्प से रोज़गार और आय प्राप्त करने वाले ज़्यादातर लोग ग्रामीण या दूरदराज के इलाकों में रहते हैं। यह क्षेत्र रोज़गार और आय का विकेंद्रीकरण करके समावेशी विकास को बढ़ावा देता है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सामाजिक सशक्तिकरण के लिए हस्तशिल्प को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र पारंपरिक रूप से कमज़ोर वर्गों के लोगों को सहायता प्रदान करता रहा है। हस्तशिल्प न केवल कारीगरों को आजीविका का साधन प्रदान करता है, बल्कि उनकी कला उन्हें समाज में पहचान और सम्मान भी दिलाती है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में कार्यरत कार्यबल में 68 प्रतिशत महिलाओं की हिस्‍सेदारी है और इस क्षेत्र के विकास से महिला सशक्तिकरण को भी बल मिलेगा।

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