Edited By meena, Updated: 12 Dec, 2025 03:16 PM

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा में किसानों की आत्महत्या के आंकड़े साझा करने से इनकार करते हुए कहा कि यह 'अमानवीय' होगा..
भोपाल/नई दिल्ली : केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को राज्यसभा में किसानों की आत्महत्या के आंकड़े साझा करने से इनकार करते हुए कहा कि यह 'अमानवीय' होगा। पंजाब से आम आदमी पार्टी के संत बलबीर सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न में पूछा था कि पिछले 15 साल में देश में कितने किसानों ने आत्महत्या की है। उन्होंने उसका राज्यवार विवरण भी मांगा था। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि एक भी आत्महत्या दुर्भाग्यपूर्ण है। विभिन्न परिस्थितियों के कारण कई बार अलग-अलग पेशों में काम करने वाले आत्महत्या करते हैं।
उन्होंने कहा, 'किसानों की आय बढ़ाने के लिए हम हरसंभव प्रयत्न कर रहे हैं। मैं आत्महत्या के आंकड़ों में नहीं जाना चाहता। वह अमानवीय होगा क्योंकि तब कितनी होती थी, अब कितनी होती है यह कहना दुर्भाग्यपूर्ण होगा। लेकिन हमारा संकल्प है कि एक-एक व्यक्ति मानवीय गरिमा के साथ अपना जीवन जिये और उसमें हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेंगे। आत्महत्या के कई कारण होते हैं, कई बार विद्यार्थी भी कर लेते हैं, पेशेवर भी कर लेते हैं, व्यापारी भी कर लेते हैं, गृहिणियां भी कर लेती हैं।'
एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में चौहान ने बताया कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने और कृषि के समग्र विकास के लिए काम कर रही है। साल 2014 की तुलना में उत्पादन 44 प्रतिशत बढ़ा है। सरकार उत्पादन की लागत घटाने के भी उपाय कर रही है। किसानों को दो लाख करोड़ रुपये उर्वरक सब्सिडी के रूप में दी जा रही है। किसान सम्मान निधि योजना के तहत 4.09 लाख करोड़ रुपये दिये गये हैं। फसल बीमा योजना के तहत किसानों को 1.9 लाख करोड़ रुपये की मदद दी गयी है। किसान क्रेडिट कार्ड पर 15 लाख करोड़ रुपये के ऋण दिये गये हैं। फसल बीमा योजना लागू न करने के लिए पंजाब सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यदि ऐसा किया होता तो हाल की बाढ़ से पीड़ित किसानों के नुकसान की कुछ भरपाई हो सकती थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर राज्य में फसल बीमा योजना लागू करने की मांग की है।