Edited By meena, Updated: 25 Feb, 2020 01:11 PM
मध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार की वित्तीय स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार एक बार फिर से कर्ज लेने की तैयारी में हैं। वित्तिय संकट से जूझ रही सरकार मंगलवार को एक बार फिर बाजार से एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज...
भोपाल: मध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार की वित्तीय स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश सरकार एक बार फिर से कर्ज लेने की तैयारी में हैं। वित्तिय संकट से जूझ रही सरकार मंगलवार को एक बार फिर बाजार से एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेगी। यह राशि विकास परियोजनाओं और वित्तीय गतिविधियों में लगाई जाएगी। इसके पहले भी सालभर में 19 हजार 600 करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है। इसे मिलाकर प्रदेश के ऊपर कर्ज लगभग दो लाख करोड़ रुपए का हो चुका है।
जानकारी के अनुसार, प्रदेश सरकार को किसानों की कर्जमाफी और विकास कार्यों के लिए बड़ी राशि की जरूरत है। लेकिन खजाना खाली है। वहीं केंद्रीय करों में 14 हजार 233 करोड़ रुपए की कटौती होने के बाद सरकार का वित्तीय प्रबंधन गड़बड़ा गया है। इसके लिए सरकार एक बार फिर खुले बाजार से कर्ज लेने जा रही है। वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन अधिनियम में तय सीमा के दायरे में रहते हुए कर्ज ले रहे हैं। राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 3.5 प्रतिशत तक कर्ज लिया जा सकता है। इस हिसाब से प्रदेश सरकार 28 हजार रुपए तक का कर्ज ले सकती है।