Edited By meena, Updated: 10 Jan, 2020 11:14 AM
मध्यप्रदेश सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव किया है। इसमें मामूली लाइसेंस फीस देकर शराब की उप दुकानें खोली जाएंगी। नए बदलाव के तहत यदि उप दुकान के लिए दो दुकानों के बीच स्पर्धा होती है तो दोनों शराब की दुकानें के बीच की सड़क की एक तिहाई दूरी पर...
भोपाल(इजहार हसन खान): मध्यप्रदेश सरकार ने आबकारी नीति में बदलाव किया है। इसमें मामूली लाइसेंस फीस देकर शराब की उप दुकानें खोली जाएंगी। नए बदलाव के तहत यदि उप दुकान के लिए दो दुकानों के बीच स्पर्धा होती है तो दोनों शराब की दुकानें के बीच की सड़क की एक तिहाई दूरी पर अपनी-अपनी उप दुकानों को खोल सकेंगे। ऐसे में दो दुकानों के बीच उप दुकान की संख्या बढ़ जाएगी। इसके अलावा उप दुकान के लिए यह शर्त भी रखी गई है कि मंजूरी वहीं दी जाएगी, जहां शराब की अवैध तस्करी की रिपोर्ट है।
इस नए बदलाव के तहत शहरी क्षेत्र में 5 किलोमीटर की परिधि में दुकान नहीं होने पर ही अनुमति मिलेगी। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में 10 किलोमीटर तक शराब दुकान नहीं होने पर दुकान खोलने की अनुमति मिलेगी। उप दुकान खोलने के लिए सालाना शराब ठेके के अतिरिक्त राशि देनी होगी। 2 करोड़ों रुपए तक के ठेके पर 15% अतिरिक्त राशि लगेगी 2 करोड़ से 5 करोड़ रुपए मूल्य की दुकान के लिए 25% अतिरिक्त राशि देनी पड़ेगी। 5 करोड़ रुपए से अधिक की शराब दुकान के लिए 25% से अधिक राशि लगेगी। यह प्रावधान वर्ष 2019 की आबकारी नीति के लिए किया है यानी 31 मार्च 2020 तक यह व्यवस्था प्रभावी रहेगी।
शिवराज सिंह ने पत्र लिखकर सरकार के इस फैसले की किया विरोध
वहीं प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने इस नए बदलाव का विरोध किया है। उन्होंने पत्र में लिखा कि प्रदेश सरकार राज्य में शराब की तकरीबन 2500 नई उप दुकानें खोलकर नागरिकों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रही है। ये माफिया के लिए सरकार की ओर से तोहफा है। प्रदेश के भविष्य को नशे की गर्त की ओर ढकेलने वाले इस निर्णय के घातक परिणाम होंगे। मेरी सरकार में कोई भी शराब की दुकान नहीं खोली गई थी। उन्होंने कहा कि उपदुकानें खोले जाने से प्रदेश में अपराधों की संख्या विशेषकर महिलाओं पर अत्याचार की संख्या बढ़ेगी। मैं भाजपा पार्टी और प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की ओर से अनुरोध करता हूं कि सरकार जनता के हितों से खिलवाड़ न करें और अपने इस फैसलें को तुरंत वापस ले।