Edited By meena, Updated: 23 Dec, 2025 04:04 PM

मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में आपदा राहत राशि वितरण में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप सिद्ध होने पर कलेक्टर भव्या मित्तल ने सख्त कारर्वाई करते हुए चार सहायक ग्रेड-3 कर्मचारियों को शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया है...
खरगोन: मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में आपदा राहत राशि वितरण में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप सिद्ध होने पर कलेक्टर भव्या मित्तल ने सख्त कारर्वाई करते हुए चार सहायक ग्रेड-3 कर्मचारियों को शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया है। अधिकृत जानकारी के अनुसार, कलेक्टर भव्या मित्तल ने भीकनगांव तहसील में पदस्थ संतोष मंडलोई, भगवानपुरा तहसील के मनीष चौहान एवं प्रवीण मंडलोई तथा खरगोन तहसील ग्रामीण के मनोज कदम को सेवा से पृथक कर दिया है। साथ ही निजी ऑपरेटर श्याम सोलंकी के विरुद्ध गोगांवा तहसीलदार को कानूनी कारर्वाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं। महालेखाकार मध्यप्रदेश, ग्वालियर के ऑडिट प्रतिवेदन में यह खुलासा हुआ कि इन कर्मचारियों ने आरबीसी के तहत राहत राशि वितरण में लाखों रुपये की गंभीर अनियमितताएं कीं।
जांच में पाया गया कि भीकनगांव तहसील के संतोष मंडलोई ने अपने पुत्र, पत्नी, एक ठेकेदार तथा ठेकेदार के पुत्र के खातों में राहत राशि ट्रांसफर कर दी थी। इसी तरह भगवानपुरा तहसील के मनीष चौहान ने स्वयं, पत्नी, पिता और बहन के खातों में सरकारी राशि डलवाई। ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार प्रवीण मंडलोई और मनोज कदम ने निजी ऑपरेटर श्याम सोलंकी के माध्यम से पात्र हितग्राहियों की राहत राशि अपात्र व्यक्तियों के खातों में स्थानांतरित करवाई। इस पूरे मामले में सरकारी प्रणाली का दुरुपयोग कर शासन को भारी आर्थिक क्षति पहुंचाई गई। जांच में यह भी सामने आया कि इन कर्मचारियों ने वर्ष 2011 से 2024 के बीच प्राकृतिक आपदा से जुड़े 113 मामलों में लगभग 16 लाख रुपये की हेराफेरी की थी। मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत अनुशासनात्मक जांच पूर्ण होने के बाद चारों कर्मचारियों पर दीर्घ शास्ति अधिरोपित करते हुए उन्हें शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।