Edited By meena, Updated: 20 Sep, 2019 10:48 AM
मध्यप्रदेश में सबसे बड़े हनी ट्रैप मामले में कई बड़े चेहरे बेनकाब होने की संभावना है। इसमें आम लोग ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री, कई मंत्री-नेता और नौकरशाहों के फंसने की भी बात सामने आई है। इंदौर और भोपाल से पकड़ी गई महिलाओं ने पूछताछ के दौरान कई बड़े...
भोपाल: मध्यप्रदेश में सबसे बड़े हनी ट्रैप मामले में कई बड़े चेहरे बेनकाब होने की संभावना है। इसमें आम लोग ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री, कई मंत्री-नेता और नौकरशाहों के फंसने की भी बात सामने आई है। इंदौर और भोपाल से पकड़ी गई महिलाओं ने पूछताछ के दौरान कई बड़े खुलासे किए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब इंटेलिजेंस और एटीएस के अधिकारी भी मामले पर नजर बनाए हुए हैं।
6 नेता और कई नौकरशाह
सूत्रों के अनुसार इस रैकेट के जाल में फंस चुके कई बड़े चहरे सामने आए हैं। उनमें 6 बड़े राजनेता, 4 आईपीएस , 5 आईएएस अधिकारियों के साथ कई दूसरे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के नाम शामिल हैं। बड़े लोगों के नाम सामने आने के बाद गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि यह बड़ी कार्रवाई है. इस मामले की गहराई से जांच की जा रही है। कोई भी अपराधी बच नहीं पाएगा। जो लोग प्लान बनाकर लोगों को शिकार बनाते थे, वे सभी बेनकाब होंगे।
इनके नाम हैं शामिल
इस हनीट्रैप में पूर्व राज्यपाल, पूर्व मुख्यमंत्री, मौजूदा मंत्री, 2 पूर्व मंत्री, बड़े नेता, डीजी रैंक के अधिकारी, एडीजी रैंक के अधिकारी, एडीजी रैंक के अधिकारी, 5 आईएएस अधिकारियों के नाम शामिल हैं।
आईएएस अधिकारी का वीडियो किया था वायरल
सबसे पहले यह मामला एक सीनियर आईएएस अधिकारी की शिकायत पर सामने आया इस रैकेट ने अधिकारी का आपत्तिजनक वीडियो बनाकर वायरल किया था। वहीं एक बड़ी रकम की मांग भी की थी।पुलिस की जांच जारी है और शिकायतकर्ता के सामने आने के बाद कई और बड़े खुलासे होने की संभावना है।
ऐसे करता था यह रैकेट काम
हनी ट्रैप करने वाले आरोपियों के बारे में बताया जा रहा है कि सबसे पहले आरोपियों ने छोटे अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ कारोबारियों को अपना निशाना बनाया था। इसके बाद आरोपियों ने राजनेताओं के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करना शुरू कर दिया। अपना राजनीतिक दलों के बीच बेस बनाने के बाद आरोपियों ने कई नेताओं को हनी ट्रैप में फंसाया। इन्हीं नेताओं के सहारे कई सरकारी प्रोजेक्ट भी लिए और इसके बाद ब्यूरोक्रेट्स के बीच इनका उठना-बैठना शुरू हुआ। अब इस गिरोह का टारगेट बड़े नौकरशाह और राजनेताओं को निशाना बनाना होता था।