Edited By Desh sharma, Updated: 23 Dec, 2025 11:11 PM

सीएम मोहन यादव कैबिनेट के एक फैसले के बाद वित्त विभाग का नया आदेश जारी हुआ है, इसमें आउटसोर्स श्रेणी पर निर्देश दिए गए हैं।कैबिनेट के फैसले के बाद वित्त विभाग ने नया आदेश जारी कर दिया है।
(भोपाल): सीएम मोहन यादव कैबिनेट के एक फैसले के बाद वित्त विभाग का नया आदेश जारी हुआ है, इसमें आउटसोर्स श्रेणी पर निर्देश दिए गए हैं।कैबिनेट के फैसले के बाद वित्त विभाग ने नया आदेश जारी कर दिया है।
नए नियमों और दिशा-निर्देशों में आउट सोर्स कर्मचारी श्रेणी को खत्म करने का जिक्र
इस आदेश के तहत इसमें राज्य सरकार के कर्मचारियों, अधिकारियों, अस्थायी, संविदा, आउटसोर्स, कार्यभारित, आकस्मिकता निधि और अंशकालिक श्रेणियों में बांटा गया है। नए नियमों और दिशा-निर्देशों में आउट सोर्स कर्मचारी श्रेणी को खत्म करने का जिक्र है आउटसोर्स श्रेणी को मार्च 2027 तक समाप्त करने की तैयारी है।
सरकार के इस फैसले से आउटसोर्स अधिकारियों, कर्मचारियों में खलबली मच गई है और विरोध के सुर भी उभरने लग गए हैं। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में सरकारी विभागों में कर्मचारियों और अधिकारियों की कई श्रेणिया हैं। इससे भर्ती प्रक्रिया भी प्रभावित हो रही है। इसे दूर करने के लिए प्रदेश में कर्मचारियों की श्रेणी तय करने का फैसला लिया था।
आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए ये है नया नियम
आदेश में आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कहा गया है कि उनके लिए कोई पद सृजित नहीं माना जाएगा। उनकी नियुक्ति निजी एजेंसियों के माध्यम से होगी । इसके साथ ही आउट सोर्स सेवाएं चरणबद्ध तरीके से मार्च 2027 तक समाप्त कर दी जाएंगी। अगर जरूरत हुई तो इनके स्थान पर नियमित कर्मचारियों की ही भर्ती की जाएगी। गौर करने वाली बात है कि प्रदेश के अधिकतर विभागों में आउट सोर्स कर्मचारियों और अधिकारियों की नियुक्ति रेगुलर पोस्टों को खिलाफ ही की गई है।
फैसले का विरोध शुरु
वही कैबिनेट के इस फैसले का आउटसोर्स अधिकारी और कर्मचारी संगठनों ने विरोध करते हुए आंदोलन की चेतावनी तक दे दी है।
मध्य प्रदेश में विभिन्न विभागों में 3 लाख से ज्यादा हैं आउटसोर्स कर्मचारी
वहीं गौर करने वाली बात है कि मध्य प्रदेश के विभिन्न विभागों में 3 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी और अधिकारी सेवाएं दे रहे हैं। लाजमी है कि कैबिनेट के इस फैसले जहां हलचल बढ़ गई है वहीं ये विरोध के सुर भी उठने लग गए हैं