Edited By Himansh sharma, Updated: 18 Dec, 2025 10:31 PM

मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी के खिलाफ लोकायुक्त की सख्ती लगातार जारी है।
सतना। मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी के खिलाफ लोकायुक्त की सख्ती लगातार जारी है। बावजूद इसके, कुछ अधिकारी अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे। ताजा मामला सतना जिले से सामने आया है, जहां रीवा लोकायुक्त की टीम ने रामपुर बाघेलान तहसील में पदस्थ नायब तहसीलदार को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया।
तहसील कार्यालय में ली जा रही थी रिश्वत
गुरुवार को लोकायुक्त रीवा की टीम ने नायब तहसीलदार वीरेंद्र सिंह जायसूर को तहसील कार्यालय में ही 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया। आरोपी खैरा निवासी आशुतोष सिंह से जमीन से जुड़े काम के बदले यह रकम ले रहा था।
शिकायत, सत्यापन और फिर कार्रवाई
फरियादी आशुतोष सिंह ने 15 दिसंबर को लोकायुक्त कार्यालय रीवा में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया कि उसके पिता चंद्रशेखर सिंह के नाम दर्ज पुस्तैनी भूमि के बंटवारे, सीमांकन और नामांतरण आदेश के एवज में नायब तहसीलदार ने 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायत के बाद लोकायुक्त ने सत्यापन कराया, जिसमें रिश्वत मांगने की पुष्टि हुई। सत्यापन के दौरान आरोपी ने 10 हजार रुपये ले भी लिए। इसके बाद 18 दिसंबर को गठित टीम ने योजनाबद्ध तरीके से तहसील कार्यालय में कार्रवाई करते हुए आरोपी को रिश्वत लेते समय पकड़ लिया।
आगे की कार्रवाई जारी
लोकायुक्त टीम ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। इस कार्रवाई से एक बार फिर यह साफ हो गया है कि रिश्वतखोरी पर लोकायुक्त की नजर है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।