MP बजट बनाने में लोगों ने दिए 4000 से अधिक सुझाव, प्रदेश का कृषि विकास दर बढ़कर हुआ 19%: शिवराज

Edited By meena, Updated: 11 Mar, 2023 01:54 PM

people gave more than 4000 suggestions in making mp budget

वही इस खास बजट को लेकर के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में एक खास कार्यक्रम के दौरान कई महत्वपूर्ण बातें कहीं।

भोपाल(विवान तिवारी): मध्यप्रदेश का बीते कुछ दिनों पहले ही बजट आया है। वही इस खास बजट को लेकर के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल में एक खास कार्यक्रम के दौरान कई महत्वपूर्ण बातें कहीं। उन्होंने यह कहा कि अक्सर बजट बड़ा रूखा-सूखा विषय होता है। जनता समझती है कि हमारा इससे क्या लेना-देना, यह तो विशेषज्ञों का काम है। हमारा प्रयास है कि बजट बनाने में भी पब्लिक पार्टीसिपेशन होना चाहिए। 4,000 से ज्यादा सुझाव जनता के बीच से आए और हमने ज्यादातर सुझावों को क्रियान्वित किया है।

• कई क्षेत्रों में मध्यप्रदेश ने किया अच्छा प्रदर्शन

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के कई अलग-अलग क्षेत्रों पर बात करते हुए यह कहा कि कृषि, ग्रामीण विकास, उद्योग, व्यापार, सामाजिक-आर्थिक विकास, कौशल विकास, सुशासन, विज्ञान प्रोद्योगिकी जैसे अनेक विषय हैं, जिनमें मध्यप्रदेश ने अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि अगर सार्थक प्रयास किये जाएं, तो चुनौतियों को कामयाबी में बदला जा सकता है। हमारी आर्थिक विकास दर 18% के पार थी, इसके ऊपर इस बार हमने 16.4% की दर अर्जित की है। 2001-02 में तो यह केवल 3-4% थी।

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• प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 13,22,821 करोड़: शिवराज

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद पर बात करते हुए यहां कहा कि 2002-03 में सकल घरेलू उत्पाद 71 करोड़ के आसपास था। 2022-23 में हमारा सकल घरेलू उत्पाद 13,22,821 करोड़ रुपये है। पर कैपिटा इनकम 2002-03 में 11 हजार रुपये थी, 2022-23 में यह 1,40,583 रुपये हो गई है। मैं अभी संतुष्ट नहीं हूं, हमें और आगे जाना है।

• कर्ज पर भी बोले सीएम

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लगातार ऋण पर जिस तरीके से बीते कुछ दिनों से विपक्ष शिवराज सरकार को घेरने में लगी हुई है। उसे लेकर यह कहा की कई बार आरोप लगाया जाता है कि कर्ज ले लिया लेकिन ऋण लेने के कुछ मापदंड होते हैं, कुछ आधार होते हैं। 2005 में ऋण जीएसडीपी का अनुपात था 39.5%, लेकिन 2020-21 में यह घटकर 22.6% हो गया। उन्होंने यह कहा कि एक इन्डिकेटर होता है कि कैपिटल एक्सपेन्डिचर क्या है।

कोविड के कठिन समय में भी हमारा पूंजीगत व्यय 45,685 करोड़ था। जीएसटी में इस साल 22% की वृद्धि दर्ज की गई, हम देश के टॉप 5 प्रदेश में हैं। किसानों को ऋण में 30.1% और MSME को ऋण में 30.2% की वृद्धि हुई है।

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