मप्र मंत्रिपरिषद ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के साथ गठन की मंजूरी दी

Edited By PTI News Agency, Updated: 30 Sep, 2020 08:48 PM

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भोपाल, 30 सितंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा के साथ इसके गठन को स्वीकृति दी।

भोपाल, 30 सितंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा के साथ इसके गठन को स्वीकृति दी।

गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को प्रदेश में विधानसभा की 28 रिक्त सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की थी।

प्रदेश के गृहमंत्री और मंत्रिपरिषद के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को बताया, ‘‘मध्यप्रदेश में पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। यहां मैं यह कहना प्रासंगिक समझता हूं कि भारत सरकार के द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया था। उसी समय मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि जो संवैधानिक दर्जा केन्द्र सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग को दिया है, वही राज्य सरकार भी देगी।’’
उन्होंने कहा कि इसमें एक अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और तीन सदस्य होगें।

मिश्र ने कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा, ‘‘पूर्व की सरकार ने कभी इतनी चिंता पिछड़ा वर्ग की नहीं की। 27 प्रतिशत आरक्षण का झुनझुना पकड़ा कर जो उनको छला गया। उस 15 माह की पूर्ति शिवराज सिंह की सरकार ने इस आयोग को संवैधानिक दर्जा देकर किया है। इस आयोग को अधिकारियों को बुलाने का अधिकार भी होगा।’’
चुनाव आयोग ने मध्यप्रदेश के रिक्त 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के तहत तीन नवंबर को मतदान कराने की मंगलवार को घोषणा की है।

प्रदेश कांग्रेस मीडिया शाखा के अध्यक्ष एवं कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार अपने इस कदम से लोगों को बेवकूफ़ बनाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘यदि इस बारे में वे इतने ही गंभीर थे, तो उन्हें पहले ही इसे संवैधानिक दर्जा देना चाहिये था। चुनाव आयोग जब उपुचनाव की घोषणा कर रहा है इस स्थिति में वह क्या संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। यह पिछड़े वर्ग लोगों को लॉलीपॉप देने जैसा है।’’
इसबीच, मिश्रा ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने मध्यप्रदेश के किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत साल में चार हजार रुपये देने की योजना को भी मंजूरी दी है। यह राशि प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के तहत छह हजार रुपये प्रतिवर्ष मिलने वाली राशि से अलग होगें। उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह प्रदेश के किसानों को दस हजार रुपये प्रतिवर्ष मिलेंगें।’’
उन्होंने बताया कि केन्द्र की प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के तहत प्रदेश के किसानों को पांच हजार करोड़ रुपये की राशि उनके खातों में जमा की जाती है। जबकि मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में तीन हजार करोड़ रुपये दिये जाएंगे। इस प्रकार प्रदेश के 80 लाख किसानों को आठ हजार करोड़ प्रतिवर्ष तथा पांच साल में 40 हजार करोड़ रुपये दिये जाएंगे।

गृहमंत्री ने बताया कि इसके अलावा प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना के तहत आठ हजार करोड़ रुपये दिये गये हैं। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पहले की कांग्रेस सरकार ने किसानों को केवल धोखा दिया और एक भी किसान का दो लाख रुपये का ऋण माफ नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार हमेशा खजाना खाली होने का रोना रोती रहती थी और अब हमारी सरकार में किसानों के खातों में रुपये जमा हो रहे हैं और उन पर लक्ष्मी जी की कृपा हो रही है।


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