जिस पुल को 2021 में ही बन जाना था वह आज भी पड़ा अधूरा, घटिया सामग्री का हो रहा इस्तेमाल

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 24 Feb, 2022 08:27 PM

the bridge which was to be built in 2021 itself was still incomplete

शमशाबाद में सांपन नदी पर 142.33 लाख रुपए की लागत से पुल बनना है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत इसकी स्वीकृति मिली थी। लेकिन यह पुल कछुए की रफ्तार से बन रहा है। पुल निर्माण का ठेका शाजापुर के मेसर्स अनिल कुमार अग्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को...

शमशाबाद (धर्मेंद्र प्रजापति): शमशाबाद में सांपन नदी पर 142.33 लाख रुपए की लागत से पुल बनना है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत इसकी स्वीकृति मिली थी। लेकिन यह पुल कछुए की रफ्तार से बन रहा है। पुल निर्माण का ठेका शाजापुर के मेसर्स अनिल कुमार अग्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है। स्थिति यह है कि जो पुल जनवरी 2021 तक बन जाना था। वह मियाद खत्म होने के एक साल बाद भी अधूरा पड़ा हुआ है। वर्तमान में पुल निर्माण के लिए नदी पर 30 प्रतिशत काम बाकी है। मिली जानकारी के मुताबिक सांपन नदी पर पुल निर्माण का काम जुलाई 2019 में शुरु हुआ था। अनुबंध के मुताबिक 18 महीने में यानी जनवरी 2021 तक पुल निर्माण पूरा हो जाना था। लेकिन ठेका कंपनी सुस्ती बरत रही है। पुल निर्माण का काम पूरा होने अब भी 3-4 माह और लगेंगे।

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पुल निर्माण में गुणवत्ताहीन मटेरियल का इस्तेमाल...
अधिकारियों की मिली भगत चलते ठेकेदार द्वारा पुल निर्माण में गुणवत्ताहीन मटेरियल का इस्तेमाल किया गया है। निर्माण में उपयोग होने बाली साम्रगी गिट्टी, रेत में कम मात्रा में सीमेन्ट का उपयोग किया गया है। एक टैंकर पानी से निर्माण कार्य के साथ तराई के नाम पर औपचारिकता पूरी की गई है। टैंकर भरकर नली लगाकर तराई के नाम पर खाना पूर्ति की जाती है।

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पुल में दोनों साइड नदी के किनारे सीमेन्ट कंक्रीट दीवार में गिट्टी, रेत, सीमेंट की मात्रा का उपयोग कम किया गया है। पुल में पानी की तराई भी नहीं की गई है। जिससे दीवार में गिट्टी हाथ से निकल रही है। दिल्ली से जांच अधिकारी के आने के पहले ठेकेदार ने आनन फानन में फ्लेक्स लगाकर टीन की लैब बनाई। पुल में निर्माण कार्य के दौरान जिस मटेरियल का उपयोग हो रहा है। उसकी पहले जांच की जाती है। लेकिन ठेकेदार द्वारा कभी भी कोई मटेरियल की जांच नहीं कि गई है। लेकिन आनन फानन उसने लैब बना दी। दिल्ली से आये जांच अधिकारी की आव भगत में ठेकेदार व प्रधानमंत्री सड़क योजना के कर्मचारी पूरे समय लगे रहे। लक्ष्मन नायक और आकाश मेहर ने बताया कि हमारा खेत निर्माणाधीन पुल के पास है पुल में मनमर्जी का कार्य हुआ है। तराई के नाम पर केवल खाना पूर्ति हुई है। अधिकारियों के आने के पहले ही वेनर टांग कर यह मशीन रख दी हैं। ‘हमे उम्मीद थी कि जल्द ही यह पुल का निर्माण हो जायेगा। लेकिन ढाई वर्ष में अधूरा पड़ा है। ठेकेदार की मनमर्जी से पुल निर्माण में घटिया कार्य किया गया है। प्रधानमंत्री सड़क योजना के जी एम के सी सोनी से कई बार फोन पर सम्पर्क किया गया लेकिन एक नम्बर को बन्द कर दिया व दूसरा उठाया नहीं।

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