Edited By suman, Updated: 13 Dec, 2018 01:49 PM
शहर को सुंदर, स्वच्छ एवं पॉलीथिन मुक्त बनाने में केंद्रीय कारागार के कैदी अपना योगदान देंगे। कैदियों को जल्द ही जेल के अंदर कागज के कैरीबैग बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण नगर निगम की लालटिपारा गौशाला के प्रबंधन का कार्य देख रहे...
ग्वालियर: शहर को सुंदर, स्वच्छ एवं पॉलीथिन मुक्त बनाने के लिए एक नई पहल की जा रही है। अब केंद्रीय कारागार के कैदी शहर को साफ रखने में अपना योगदान देंगे। कैदियों को जल्द ही जेल के अंदर कागज के कैरीबैग बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण नगर निगम की लालटिपारा गौशाला के प्रबंधन का कार्य देख रहे श्रीकृष्णायन देसी गौरक्षाशाला के संतों द्वारा दिलाया जाएगा।
नगर निगम इन कैरीबैगों को शहर में बड़े दुकानदारों को कम रेट में देगा। इससे पॉलीथिन पर रोक लगाने में नगर निगम को मदद मिलेगी। वहीं जेल में कैदियों को कैरीबैग बनाने का प्रशिक्षण मिलने के बाद जब वह जेल से अपनी सजा पूरी कर बाहर आएंगे, तब उनके हाथों में स्वयं का रोजगार विकसित करने की कला होगी। इससे कैदी भी जेल से छूटने के बाद अपना रोजगार कर सकेंगे।
जेल के कैदियों द्वारा बनाए कैरीबैग मिलेंगे सस्ते
जेल में कैदियों द्वारा बनाए गए कैरी बैग बहुत सस्ते मिलेंगे। क्योंकि जेल में कार्य करने वाले कैदियों को प्रतिदिन 150 रुपए के लगभग मेहनताना दिया जाता है। जबकि बाजार में कार्य करने वाले कारीगरों का मेहनताना अधिक होता है।
पॉलीथिन से मरती हैं प्रतिमाह सैकड़ों गाय
शहर में पॉलीथिन का बहुत अधिक चलन होने के कारण लोग खाने पीने का सामान भी पॉलीथिन में भरकर सड़क पर फेंक देते हैं। खाने के लालच में भूखी गाय भी इन पॉलीथिन को खा लेती हैं। इसके कारण प्रतिमाह सैकड़ों गाय मर जाती हैं। नगर निगम की लालटिपारा गौशाला में मृत गायों का पशु डॉक्टरों द्वारा पोस्टमार्टम करने पर उनके पेट से 5 से 10 किलो पॉलीथिन निकली थी। यहीं पॉलीथिन गायों की मौत का कारण बनती है।