Edited By meena, Updated: 02 Feb, 2023 01:03 PM

शराबबंदी को लेकर एक बार फिर उमा भारती एक्शन मोड पर है। शराबबंदी की मांग को लेकर रामराजा सरकार की नगरी ओरछा पहुंची उमा भारती ने शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा...
निवाड़ी : शराबबंदी को लेकर एक बार फिर उमा भारती एक्शन मोड पर है। शराबबंदी की मांग को लेकर रामराजा सरकार की नगरी ओरछा पहुंची उमा भारती ने शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा। ओरछा में चल रही शराब की दुकानों का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि रामराजा सरकार की नगरी में शराब की दुकान का क्या औचित्य, लोगों की लत का उपयोग कर रुपए बनाना सरकार का धर्म नहीं है। यहां तो गंगाजल बांटना चाहिए। उन्होंने कहा कि राम का नाम लेने वाले मूल दोषी हैं। मैंने इस सरकार के लिए वोट मांगे हैं, यहां के विधायक के लिए वोट मांगे हैं, इसलिए मुझे फांसी पर लटकाओ।
उमा भारती लगातार शराबबंदी की मांग उठा रही है। इसी कड़ी में एक बार फिर ओरछा में नियम विरूद्ध चल रही शराब दुकानों के खिलाफ सख्त तेवर दिखाए। नाराजगी जताते हुए उमा भारती ने साफ कहा कि शराब की दुकान के लिए गांव अलॉट था, बीच नगर में दुकान अलॉट नहीं हुई थी। जिला आबकारी अधिकारी को तय करना था। आबकारी अधिकारी को शर्म आना चाहिए थी, शराब दुकान वाले तो अपना फायदा सोचेंगे। सरकार का धर्म है कि लोगों की लत को खत्म कर दे। उन्होंने कहा कि इसमें मूल दोषी कौन है बात तो यहां आएगी। इसमें मूल दोषी वह हैं जो राम का नाम लेते हैं। इसके बाद उमा भारती बोली कि मैं हूं मूल दोषी, मुझे फांसी पर लटकाओ। मैंने सरकार के लिए वोट मांगे थें।
इस दौरान जन चौपाल में अलाव जलाकर उमा भारती ने शराबबंदी को लेकर लोगों से चर्चा की। उन्होंने शराब नीतियों को लेकर सरकार को जमकर कोसा। मीडिया से चर्चा में उमा भारती ने कहा कि हमने सोचा नहीं था कि हमारी सरकार में शराब की समस्या आ जाएगी। हम दिल्ली और छत्तीसगढ़ में इसका विरोध कर रहे थे। उससे बुरी हालत हमने यहां कर दी, कोई मान मर्यादा नहीं रखी। उन्होंने ओरछा के विवेकानंद तिराहे पर खुली शराब दुकान का जिक्र करते हुए कहा कि इस दुकान की मर्यादा तो रोड से 50 मीटर की भी नहीं है। साथ ही भोपाल के करोंद चौराहे की शराब दुकान का जिक्र भी किया और कहा कि एक ही बाउंड्रीवॉल से लगा लड़कियों का स्कूल था और उसी से लगी शराब की दुकान थी। उन्होंने कहा कि शराब दुकान को राजस्व के लिए टारगेट दे दिया जाता है, क्योंकि हमें सबसे आसान शराब लग रही है। ज्यादा राजस्व के लिए दुकानदार अपनी मर्जी से शराब दुकान चला रहा है। धार्मिक नगरी ओरछा में रामराजा सरकार के दरवाजे के पास, सामने ही शराब की दुकान खुली है। लेकिन आबकारी अधिकारी ने यह नहीं सोचा कि ऐसे राजस्व की क्या जरूरत है।