Edited By Vikas Tiwari, Updated: 14 May, 2023 11:37 AM

कांकेर में बिना ग्राम पंचायत की मंजूरी से रावघाट लौह अयस्क माइंस संचालित हो रही है। दूसरी ओर क्षेत्र के ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।
कांकेर (लीलाधर निर्मलकर): अंतागढ़ में जब से रावघाट लौह अयस्क माइंस (Rawghat Iron Ore Mines) का काम शुरु हुआ है, तब से लगातार माइंस विवादित ही रहा है। क्षेत्र के ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं की मांगों को लेकर हमेशा धरना प्रदर्शन, चक्काजान जैसे आंदोलन करते रहे हैं। लेकिन रावघाट माइंस प्रबंधक क्षेत्र के विकास के लिए किसी प्रकार से कोई कार्य नहीं हुआ है, जिसे लेकर प्रभावित गांव के ग्रामीण एक बार फिर आठ अप्रैल से भैसगाव दंडकवन के पास अनिश्चित कालीन हड़ताल पर बैठ गए हैं, जो अब भी जारी है।
बिना मंजूरी के संचालित हो रही है खदान
ग्रामीणों का कहना है रावघाट माइंस बिना ग्राम पंचायत के मंजूरी बिना के संचालित हो रही है। जबकि माइंस 5वीं अनुसूची क्षेत्र में आता है, ऐसे में ग्राम पंचायत की मंजूरी जरुरी होती है। ग्रामीणों का आरोप है कि अंतागढ़- नारायणपुर मार्ग पूरी तरह से जर्जर है, जिसके चौड़ीकरण की मांग ग्रामीण कई सालों से कर रहे हैं लेकिन अभी तक चौड़ीकरण का काम पूरा नहीं हुआ है। इसी सड़क पर भारी भरकम माइंस की भारी वाहन का आवाजाही होती है, जिससे कई दुर्घटना घटित भी हो चुकी है।
जमीन के बदले नौकरी का वादा नहीं हुआ पूरा
इसके साथ ही बीएसपी द्वारा रावघाट रेल लाइन में प्रभावित किसान को अब तक नौकरी भी नहीं मिली है। जबकि बीएसपी द्वारा जमीन के बदले नौकरी देने का वादा किया था जो अआज तक धूरा है। ग्रामीणों द्वारा सड़क चौड़ीकरण होने के बाद ही माइंस की गाड़ी चलाने की बात कह कर माइंस की गाडियां पूरी तरह से बंद कर दिए हैं और जब तक क्षेत्र में बुनियादी सुविधा का अभाव बना हुआ है। अंतागढ़ से नारायणपुर तक मार्ग का चौड़ीकरण नहीं हो जाता तब तक माइंस की भारी वाहन पर रोक एवं अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन जारी रहने की बात कही गई है।