Edited By meena, Updated: 23 May, 2022 07:31 PM
इंदौर के कुटुंब न्यायलय ने पति पत्नी के विवाद के चलते एक अनोखा आदेश दिया हैं, जिसमें न्यायलय द्वारा पति को बैंक से कार लोन और एकाउंट से लेन देन पर रोक लगा दी है। क्योंकि पति को अपनी पत्नी से चल रहे विवाद के चलते न्यायलय ने उसके भरण पोषण के लिए हर...
इंदौर(सचिन बहरानी): इंदौर के कुटुंब न्यायलय ने पति पत्नी के विवाद के चलते एक अनोखा आदेश दिया हैं, जिसमें न्यायलय द्वारा पति को बैंक से कार लोन और एकाउंट से लेन देन पर रोक लगा दी है। क्योंकि पति को अपनी पत्नी से चल रहे विवाद के चलते न्यायलय ने उसके भरण पोषण के लिए हर माह 12 हजार 500 रूपये देने के लिए कहा गया था किन्तु कुछ महीनों तक भरण पोषण देने के बाद पति द्वारा पैसे देना बंद कर दिया जिसकी कुल राशि लगभग 5 लाख हो गई हैं और इन्ही पैसों से पति अपने लिए नई कार खरीदने वाला था। न्यायालय ने पति के बैंक अकाउंट की लेन देन की डिटेल भी मांगी है।
पति के कार खरीदने की बात का पता चलते ही पत्नी जो कि रिटायर बड़े पुलिस अधिकारी की बेटी है, ने बकाया भरण पोषण दिलवाने के लिए कुटुंब न्यायलय में गुहार लगाई। कुटुंब न्यायलय ने त्वरित आदेश देते हुए पति को बैंक से कार लोन और बैंक के लेन देन पर रोक लगा दी।
बता दें कि लगभग 25 साल पहले दोनों की शादी हुई थी जिसके बाद 2016 में विवाद हुआ और बात तलाक तक पहुंच गई। इसका निराकरण करते हुए न्यायलय द्वारा पत्नी को पति के द्वारा भरण पोषण के लिए 12 हजार 500 रूपये देने को कहा गया था। पति द्वारा पत्नी को भरण पोषण के लिए कुछ समय तक पैसे देने के बाद पैसा देना बंद कर दिया गया था। पति जो की पूर्व में होशंगाबाद में रहता था और वह एक शहर का बड़ा कलोनीनाइजर हैं जो कई बिल्डिंग बना चुका हैं। पत्नी को घर से निकालने के बाद पत्नी ने न्यायलय कि शरण ली थी जिसके बाद से पति पत्नी दोनों एक ही फ्लैट में रहते हैं और बारी बारी से अपने घर का काम करते हैं।