शहडोल(अजय नामदेव): शहडोल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल कुशाभाई ठाकरे में नवजात बच्चों पर मौत का साया लगातार मंडरा रहा है। एक के बाद एक लगातार 8 मौतें होने शहडोल से लेकर भोपाल तक हड़कंप मच गया है। बच्चों की मौते का कारण निमोनिया के प्रकोप का होना बताया जा रहा है। हालांकि बच्चों की मौत की सबसे बड़ी वजह अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही बताई जा रही है। अस्पताल प्रबंधन लगातार बच्चों के मौत के मामले को छिपाने का प्रयास कर रहा था। बता दें कि इस सप्ताह में 6 बच्चों की मौत पहले ही हो चुकी है। जिसके बाद सिविल सर्जन व सीएमएचओ को हटा दिया गया था।

जानकारी के अनुसार, सरकारी अस्पताल पीआईसीयू और एसएनसीयू में नवजातों की मौत की सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। पहले 24 घंटे में 6 बच्चों की मौत का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि 2 और बच्चों की मौत से सारा शहर दहल गया। सोमवार को इलाज के दौरान अनूपपुर जिले के ठाड़पाथर व हर्रा टोला गांव से गंभीर अवस्था मे उपचार के लिए जिला अस्पताल लाए गए बच्चों ने भी उपचार के दौरान देर रात दम तोड़ दिया।
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