क्या जबलपुर में हर रोज मर रहे 500 लोग? पंजाब केसरी की पड़ताल में जानिए बड़ा सच

Edited By meena, Updated: 20 Sep, 2020 05:49 PM

are 500 people dying every day in jabalpur

भय का भूत सबसे ज्यादा खतरनाक होता है और कोरोना महामारी के बीच तो यह अब ज्यादा ही प्रभावी होने लगा है। मध्यप्रदेश के जबलपुर में सबसे पहले कोरोना वायरस की एंट्री हुई और सबसे पहले लॉकडाउन की शुरुआत भी जबलपुर से ही हुई कुछ हद तक जबलपुर में हालात काबू...

जबलपुर(विवेक तिवारी): भय का भूत सबसे ज्यादा खतरनाक होता है और कोरोना महामारी के बीच तो यह अब ज्यादा ही प्रभावी होने लगा है। मध्यप्रदेश के जबलपुर में सबसे पहले कोरोना वायरस की एंट्री हुई और सबसे पहले लॉकडाउन की शुरुआत भी जबलपुर से ही हुई कुछ हद तक जबलपुर में हालात काबू में किए गए एक वक्त ऐसा था जब 30 से ज्यादा मरीज नहीं थे लेकिन अब एक्टिव मरीजों की संख्या 1300 के पार है। इसी बीच माहौल को और भी भयावह बताने के लिए अफवाह तंत्र भी प्रभावी हुआ। कभी ग्वारीघाट के श्मशान घाट में बताया गया कि 3 घंटे में 35 शव का अंतिम संस्कार किया गया तो एक श्मशान घाट में तो यह भी बताया गया शव को भी वेटिंग लिस्ट में रहना पड़ रहा है तो कहीं यह भी सीन आया कि खुले में शव का अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है। इस बीच आकाश जैन नाम के  शख्स ने जबलपुर में अफवाह फैला दी की प्रतिदिन 500 मौत हो रही है। वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ।

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जबलपुर में दहशत का माहौल बना प्रशासन ने आकाश जैन को अपनी गिरफ्त में लिया और उसने यह कहकर अपना बचाव किया कि मेरे पास आंकड़े नहीं मैं लोगों को डरा रहा था कि घरों से बाहर मत निकलो लेकिन तब तक तो जबलपुर में हालात बिगड़ ही चुके थे। मौत के आंकड़ों पर मीडिया रिपोर्टिंग कर रही थी श्मशान घाटों पर 15 दिन के आंकड़ों पर रिपोर्टिंग की जा रही थी लेकिन असल सच्चाई कहीं भी नजर नहीं आ रही थीय़ ऐसे में पंजाब केसरी ने सच का पर्दा उठाने के लिए और लोगों को हकीकत दिखाने के लिए तथ्यपूरक रिपोर्टिंग की ओर रुख किया और हमारे पास जो तथ्यात्मक आंकड़े हाथ लगे उससे सभी के दावों को औंधे मुंह गिरा के रख दिया।
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जबलपुर में मौत के आंकड़ों पर पंजाब केसरी ने नगर निगम से जानकारी जुटाई और सिर्फ 1 साल की नहीं 3 साल के मौत के आंकड़ों पर विश्लेषण किया यह वे आंकड़े थे जिसमें की डेथ सर्टिफिकेट जारी  किए गए जाहिर सी बात है इन आंकड़ों पर ज्यादा हेराफेरी की संभावनाएं नहीं रहती। साल 2018, 2019 और 2020 के मौत के आंकड़ों पर जब विश्लेषण किया तो सितंबर माह तक साल 2020 में अभी तक सबसे कम मौत जबलपुर में हुई है साल 2018 के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो जहां 9443 मौत हुई थी वहीं साल 2019 में मौत का आंकड़ा 10028 तक पहुंचा था वही अगर साल 2020 की हम बात करें तो सितंबर 2020 तक 6808 मौत का आंकड़ा निकल कर सामने आया है यानी कि सितंबर 2020 तक का  विश्लेषण अगर हम 2019 से करें तो अभी भी मौत के आंकड़े 2019 की तुलना में ही बेहद कम है यानी कि जो भय का वातावरण बना था उससे इतर जो आंकड़े  बोल रहे हैं यहां तो मौत कम ही हुई है।

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साल 2019 के मुकाबले सितंबर तक औसत मौत आंकड़ा
अगर हम साल 2018  की तुलना 2019 से महीने के हिसाब से करें तो 2018  के मुकाबले 2019 में मौत का आंकड़ा बढ़ा था। साल 2018 में जनवरी माह में 832 मौत हुई तो इसी महीने साल 2019 में 846 मौत हुई। वहीं कोरोना महामारी के बीच अगर हम 2019 के मुकाबले 2020 की तुलना करें तो सितंबर महीने तक 6808 मौत दर्ज हुई है जनवरी 2020 में 1076 लोगों की मौत हुई थी तो वहीं फरवरी में आंकड़ा  813 तक पहुंचा तो वही जब मार्च में मध्यप्रदेश के जबलपुर में कोरोना ने एंट्री की थी तब यह आंकड़ा 559 तक पहुंचा था। वहीं अप्रैल महीने में मौत तीनों महीने के मुकाबले में बेहद कम हुई और अप्रैल में आंकड़ा 232 मौतों का दर्ज हुआ।वहीं मई महीने में 824 मौत दर्ज हुई जो साल 2019 मई महीने के मुकाबले सिर्फ 10 से ज्यादा थी।

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वहीं अगर जून महीने की बात करें तो आंकड़ा बढ़ा और 2020 में 959 मौत दर्ज हुई जबकि साल 2019 में यह आंकड़ा 807 था। जुलाई की बात करें तो 2020 में 855 मौत दर्ज हुई तो साल 2019 में इसी महीने आंकड़ा 867 था जो कि इसके मुकाबले ज्यादा ही था। अगस्त की बात करें तो 2020 में 851 मौत दर्ज हुई है तो 2019 में इसी महीने में 774 मौत दर्ज हुई थी और अगर अब हम चलित महीने सितंबर की बात करें तो 15 सितंबर तक  2020 में 639 मौत का आंकड़ा दर्ज हुआ है तो इसी महीने 2019 में यह आंकड़ा बेहद बड़ा था यानी कि इस महीने में 954 मौत दर्ज हुई थी इस तरह से अगर हम तीनों सालों के आंकड़ों पर गौर करें तो जबलपुर में मौत के आंकड़ों का विश्लेषण सामान्य ही प्रतीत होता है। कोविड-19 के दौर में दर्ज मौत को भी जोड़ लिया जाए तब भी जबलपुर में मौत के आंकड़े पिछले सालों की तुलना में सामान्य ही बताए जा रहे हैं। यह अधिकृत आंकड़े जन्म मृत्यु शाखा नगर पालिका निगम से प्राप्त किए।

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मौत के इन आंकड़ों पर जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि जबलपुर में मौत की दर इसी तरह की रही है कोरोना के चलते आंकड़े नहीं बढ़े हैं। हालांकि कोरोना मरीजो की संख्या बढ़ रही है लेकिन हम प्रभावी ढंग से जबलपुर को कोरोना मुक्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं। लगातार सैंपल बढ़ाए गए हैं जिससे कि मरीजों की पहचान जल्दी हो रही है और स्वस्थ होने का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में हम पूरी तरह से अधिक से अधिक मरीजों को आईडेंटिफाई करके जबलपुर को कंट्रोल कर लेंगे अभी जबलपुर के हालात सामान्य हैं डरने की जरूरत नहीं बस सावधानी की जरूरत है पंजाब केसरी भी लोगों से अपील करता है कि मन के अंदर भय उत्पन्न ना करें कोरोना  से बचने के लिए सुरक्षा मापदंडों का इस्तेमाल जरूर करते रहें।

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