Edited By Jagdev Singh, Updated: 15 May, 2020 06:35 PM
पूरे देश में कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों का घर लौटने का सिलसिला जारी है। कोई सुविधा नहीं मिलने पर ये प्रवासी पैदल ही सड़क-सड़क अपने राज्य और घर के लिए निकल पड़े हैं। ऐसे में इनको बहुत सारी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ रहा है।...
बड़वानी: पूरे देश में कोरोना वायरस लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूरों का घर लौटने का सिलसिला जारी है। कोई सुविधा नहीं मिलने पर ये प्रवासी पैदल ही सड़क-सड़क अपने राज्य और घर के लिए निकल पड़े हैं। ऐसे में इनको बहुत सारी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ रहा है। ऐसा ही कुछ गुरुवार को मध्य प्रदेश के बड़वानी में देखने को मिला है। जहां एक महिला की डिलीवरी एसडीएम की गाड़ी में ही हो गई।
बड़वानी में एक प्रवासी महिला मजदूर को अचानक प्रसव पीड़ा होने लगी। जैसे ही प्रसव पीड़ा की खबर वहां मौजूद एसडीएम को लगी उन्होंने बिना एंबुलेंस का इतंजार किए अपनी गाड़ी भेज दी। वहां कुछ डॉक्टर मौजदू थे जो कि दूसरे राज्यों से आ रहे मजदूरों की स्क्रीनिंग कर रहे थे।
इस दौरान डॉक्टरों ने महिला को एसडीएम की गाड़ी में बैठाया और अस्पताल के लिए निकल पड़े, लेकिन अस्पताल के गेट पर पहुंचे ही थे कि महिला की डिलीवरी हो गई। इस संबंध में डॉ. किशोर मुकाती ने कहा है कि हम गुजरात से आ रहे लोगों की स्क्रीनिंग कर रहे थे, तभी एक महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। जब उसने गाड़ी में बच्चे को जन्म दिया तब तक हम अस्पताल के गेट पर पहुंच गए थे।
कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से भारी संख्या में प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घरों को निकल चुके हैं। सड़क, हाइवे यहां तक की रेल की पटरियों के जरिए मजदूरों अपने घर के लिए चल पड़े हैं। हालांकि, इन मजदूरों को घर तक पहुंचने के लिए सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेन चला रही है।