RBI Rules: Banking System में होने जा रहा बड़ा बदलाव, अब Cyber Fraud से डरने की जरूरत नहीं!, Loan नियम भी होंगे आसान

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 22 Oct, 2025 03:21 PM

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मौजूदा दौर में साइबर फ्रॉड से हर कोई परेशान है। किसी के फोन से ओटीपी भेजकर खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं, तो किसी से ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर पैसे लेकर फ्रॉड किया जाता है। ऐसे मामले मध्यप्रदेश के कई जिलों से सामने आ चुके हैं, और लगातार आ भी रहे...

भोपाल: मौजूदा दौर में साइबर फ्रॉड से हर कोई परेशान है। किसी के फोन से ओटीपी भेजकर खाते से पैसे निकाल लिए जाते हैं, तो किसी से ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर पैसे लेकर फ्रॉड किया जाता है। ऐसे मामले मध्यप्रदेश के कई जिलों से सामने आ चुके हैं, और लगातार आ भी रहे हैं। ऐसा हाल सिर्फ मध्यप्रदेश का ही नहीं बल्कि पूरे देश का ही है। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग सेक्टर में ऐतिहासिक सुधार की दिशा में कदम बढ़ाते हुए पहली बार एक साथ 238 नए बदलावों का ड्राफ्ट जारी किया है। इन बदलावों का उद्देश्य बैंकिंग सिस्टम को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और ग्राहक-हितैषी बनाना है। आरबीआई ने इस मसौदे पर आम जनता से सुझाव मांगे हैं, जिन्हें 10 नवंबर तक वेबसाइट rbi.org.in पर भेजा जा सकता है। अंतिम ड्राफ्ट मंजूर होने के बाद ये नए नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होंगे।

साइबर फ्रॉड पर अब बैंक होंगे जवाबदेह
RBI के नए नियमों के तहत अगर किसी ग्राहक के खाते से ऑनलाइन धोखाधड़ी होती है और वह 3 दिन के भीतर बैंक को सूचित करता है, तो उसकी कोई वित्तीय जिम्मेदारी नहीं होगी। पूरा नुकसान बैंक को वहन करना होगा। अगर बैंक जांच में देरी करता है या समय पर कार्रवाई नहीं करता, तो उस पर ₹25,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकेगा। इस कदम से ग्राहकों को डिजिटल बैंकिंग में भरोसे और सुरक्षा का नया अनुभव मिलेगा।

लॉकर की सुरक्षा पर बैंक की गारंटी
अब अगर बैंक के लॉकर में चोरी, डकैती, आग या प्राकृतिक आपदा से सामान को नुकसान होता है, तो बैंक को उसकी जिम्मेदारी उठानी होगी। नए नियमों के मुताबिक, बैंक को ग्राहक को लॉकर के वार्षिक किराए का 100 गुना हर्जाना देना होगा। पहले बैंक इस जिम्मेदारी से बच जाते थे, लेकिन अब ग्राहकों को लॉकर सुरक्षा की पक्की गारंटी मिलेगी।

KYC नियमों में राहत
अब ग्राहकों को बार-बार बैंक जाकर KYC अपडेट नहीं कराना पड़ेगा। नए नियमों के अनुसार साधारण खाते को 10 साल में एक बार KYC करवाना पड़ेगा। मध्यम जोखिम खाते को 8 साल में एक बार KYC करवाना पड़ेगा और उच्च जोखिण खाते को 2 साल में एक बार KYC करवाना पड़ेगा। साथ ही KYC का काम अब निजी एजेंसियों के बजाय बैंक खुद करेंगे, जिससे डेटा सुरक्षा बढ़ेगी।

वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत, लोन नियमों में पारदर्शिता
70 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को अब पासबुक अपडेट, चेक जमा, और छोटी बैंकिंग सेवाएं घर बैठे मिल सकेंगी। इससे उन्हें बैंक के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। अब सभी बैंकों के लिए ब्याज दर तय करने का एक समान फॉर्मूला होगा। इससे ग्राहकों को ब्याज की गणना स्पष्ट रूप से समझ आएगी और कोई भेदभाव नहीं होगा। इसके अलावा, अब किसी भी प्रकार के लोन पर प्रीपेमेंट पेनाल्टी नहीं लगेगी। ग्राहक अपने लोन को समय से पहले चुका सकेंगे और ब्याज का बोझ घटा सकेंगे।

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