SC का बड़ा फैसला, कमलनाथ सरकार कल शाम 5 बजे तक साबित करे बहुमत

Edited By Jagdev Singh, Updated: 19 Mar, 2020 06:27 PM

sc order kamal nath government to prove majority by 5 pm tomorrow

सुप्रीम कोर्ट में मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट मामले में की सुनवाई शुरू हो गई। बीजेपी की तरफ से मुकुल रोहतगी, कमलनाथ की तरफ से कपिल सिब्बल, 16 बागी विधायकों की तरफ से मनिंदर सिंह और स्पीकर की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी वकील है। सुनवाई शुरु होते...

भोपाल/नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज मध्यप्रदेश विधानसभा में फ्लोर टेस्ट मामले की सुनवाई हुई। वहीं इसके बाद फैसला सुनाते हुए सुप्रीमकोर्ट ने आदेश दिया कि कल शाम 5 बजे तक कमलनाथ सरकार फ्लोर टेस्ट के जरिए बहुमत साबित करे।

इस सारी कार्रवाई की वीडियोग्राफी के भी आदेश दिए गए हैं।

जहां बीजेपी की तरफ से मुकुल रोहतगी, कमलनाथ की तरफ से कपिल सिब्बल, 16 बागी विधायकों की तरफ से मनिंदर सिंह और स्पीकर की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी वकील है। सुनवाई शुरु होते ही विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि सिर्फ फ्लोर टेस्ट का मंत्र जपा जा रहा है।

वहीं अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील देते हुए कहा कि फ्लोर टेस्ट को लेकर स्पीकर के पास अधिकार है, इसमें दखल की कोशिश की जा रही है। उन्होंने सदन में विधायकों के अनुपस्थित होने पर भी सवाल उठाए। दलबदल कानून से बचने के लिए इस्तीफे का तरीका अपनाया जा रहा है। नई सरकार बनने पर ये 16 विधायक इसका फायदा उठाएंगे। वकील ने कहा कि विधायकों का इस्तीफा स्वीकार करने के लिए स्पीकर को 2 हफ्ते का समय दिया जाए। स्पीकर के वकील अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा विधायकों के इस्तीफे को लेकर समय देने की बात पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए फ्लोर टेस्ट को जल्दी कराना जरूरी है। जज ने कहा कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट पर्यवेक्षक भी नियुक्त कर सकती है।

वकील सिंघवी ने यह भी कहा कि विधायक बंधक है, दिग्विजय सिंह मिलने गए थे, लेकिन नहीं मिल सके। जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि मैं अपना कर्तव्य तय करूंगा और दोष भी लगाऊंगा।हम उनकी स्थिति को सुनिश्चित करने के लिए परिस्थितियां बना सकते हैं कि इस्तीफे वास्तव में स्वैच्छिक है।हम एक पर्यवेक्षक को बेंगलुरु या किसी अन्य स्थान पर नियुक्त कर सकते हैं। वे आपके साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर जुड़ सकते हैं और फिर आप निर्णय ले सकते हैं।

 सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये केवल एक राज्य की समस्या नही है बल्कि ये राष्ट्रीय समस्या है। उधर बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के सुझाव को स्वीकार किया है। इस दौरान सिंघवी- आप वीडियो कांफ्रेंसिंग की बात करके एक तरह से विधायकों को बंधक बनाए जाने को मान्यता दे रहे हैं। बिना आपके आदेश के मैं दो हफ्ते में इस्तीफे या अयोग्यता पर फैसला लेने को तैयार हूँ। ऐसा किए बिना फ्लोर टेस्ट नहीं होना चाहिए। सिंघवी ने कहा कि बिना इस्तीफा पर फैसला लिए बहुमत परीक्षण कराना सही नही। अगर वह बंधक नहीं हैं तो राज्यसभा चुनाव लड़ रहे दिग्विजय सिंह को अपने वोटर से मिलने क्यों नहीं दिया गया? जस्टिस गुप्ता- MLA राज्यसभा चुनाव में व्हिप से बंधे होते हैं? सिंघवी- हां। जस्टिस चंद्रचूड़- तब वोटर से मिलने की दलील का क्या मतलब रह गया? सिंघवी ने कहा कि हमें दो हफ़्ते का समय दिया जाए, 16 विधायकों को MP में आने दीजिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर दिग्विजय सिंह MLA से मिलना चाहते है तो उसका कोई मतलब नहीं है।

सिंघवी- दिग्विजय महत्वपूर्ण नहीं है, मैं MLA को बंधक रखने की बात पर जिरह कर रहा हूँ।जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि इस्तीफे या अयोग्यता का फ्लोर टेस्ट से क्या संबंध? उसे क्यों रोका जाए। सिंघवी- इसलिए कि इससे तय होगा कि नई सरकार में अपनी पार्टी से विश्वासघात करने वाले MLA को क्या मिल सकेगा। सिंघवी- अगर मैंने इस्तीफा अस्वीकार किया तो विधायक व्हिप से बंध जाएंगे। मनिंदर- व्हिप होगा तब भी हम वोट के लिए नहीं आएंगे। जस्टिस चंद्रचूड़- अगर आपने इस्तीफा नामंजूर किया। फिर MLA व्हिप से बंध जाएंगे। अगर उन्होंने पालन नहीं किया तो आप फिर भी उन्हें अयोग्य करार दे सकते हैं। जस्टिस चंद्रचूड़- हम हॉर्स ट्रेडिंग को बढ़ावा नहीं देना चाहते। इसलिए जल्दी फ्लोर टेस्ट जरूरी होता है।

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