Singrauli tree cutting: क्या अडानी के लिए काटे जा रहे 6 लाख पेड़? क्यों खत्म किया जा रहा जंगल, जानिए पूरा सच

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 06 Dec, 2025 02:58 PM

singrauli forest shock is the 6 lakh tree cutting linked to adani s coal projec

मध्यप्रदेश के सिंगरौली में 6 लाख पेड़ों की प्रस्तावित कटाई को लेकर प्रदेश की राजनीति अचानक गरमा गई है। विधानसभा से लेकर सोशल मीडिया तक, सवाल एक ही है, कि क्या सरकार ने अडानी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए जंगल साफ करने की इजाज़त दी है? कांग्रेस इस पूरे...

भोपाल: मध्यप्रदेश के सिंगरौली में 6 लाख पेड़ों की प्रस्तावित कटाई को लेकर प्रदेश की राजनीति अचानक गरमा गई है। विधानसभा से लेकर सोशल मीडिया तक, सवाल एक ही है, कि क्या सरकार ने अडानी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए जंगल साफ करने की इजाज़त दी है? कांग्रेस इस पूरे प्रकरण को ‘कॉर्पोरेट फेवर’ बता रही है, जबकि सरकार का दावा है कि ‘हर नियम का पालन किया गया है।’ लेकिन सच क्या है? आइए इस विवाद को शुरुआत से समझते हैं।

PunjabKesari, Singrauli tree cutting, Singrauli forest controversy, Adani coal block, Ghiroli coal mines, Singrauli news, Madhya Pradesh forest dispute, six lakh trees cutting, MP forest clearance, tribal land dispute, PESA Act Singrauli, Congress alleges Adani, Vikrant Bhuria statement, Adani controversy

पहला बड़ा तथ्य.. सचमुच कटने जा रहे हैं लगभग 6 लाख पेड़?
सिंगरौली की प्रभारी DFO पूजा अहिरवार के मुताबिक घिरौली कोल माइंस के लिए पहले चरण में 345 हेक्टेयर वन क्षेत्र लिया गया है, जिसमें से कुल 72 हेक्टेयर पर काम जारी है, और 33,000 पेड़ काटे जाएंगे। इस परियोजना के अनुसार कुल 1397.54 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण होना है, जिसमें 1335.35 हेक्टेयर घना वन क्षेत्र है। सिंगरौली के इस घने जंगल में साल, सागौन, महुआ, आंवला, बेर जैसे विभिन्न प्रजातियों के कुल 5 लाख 70 हजार 666 पेड़ मौजूद हैं। जिसका मतलब साफ है कि आने वाले वक्त में कुल 5 लाख से ज्यादा पेड़ काटे जाने की तैयारी है। सीधा कहें, तो कई प्रकार की प्रजाति वाले पेड़ों से बना ये जंगल अब बिल्कुल साफ होने वाला है! वहीं आपको बता दें कि स्थानीय लोगों के विरोध के बाद प्रशासन ने कांग्रेस के 47 कार्यकर्ताओं पर धारा 151 में कार्रवाई कर दी।

PunjabKesari, Singrauli tree cutting, Singrauli forest controversy, Adani coal block, Ghiroli coal mines, Singrauli news, Madhya Pradesh forest dispute, six lakh trees cutting, MP forest clearance, tribal land dispute, PESA Act Singrauli, Congress alleges Adani, Vikrant Bhuria statement, Adani controversy

पेड़ क्यों काटे जा रहे हैं? असली कहानी यहीं से शुरू होती है..
यह पूरा इलाका घिरौली कोल ब्लॉक है। इस कोल ब्लॉक का संचालन करने वाली कंपनी है, मेसर्स स्ट्राटाटेक मिनरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड… सरकारी दस्तावेजों के अनुसार यह कंपनी करीब 6 लाख पेड़ काटेगी, और बदले में 1397.55 हेक्टेयर क्षेत्र में पौधरोपण करेगी। जिसमें से 210 हेक्टेयर गैर वनभूमि है। अब विवाद की जड़ यहां है कि यह कोल ब्लॉक उन परियोजनाओं से जुड़ा है जिन्हें अडानी समूह को आवंटित किया गया है। यही वह बिंदु है जहां से राजनीति शुरू होती है।

कांग्रेस का आरोप- अडानी को फायदा पहुंचा रही सरकार
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार आदिवासियों की भूमि और जंगल को अडानी जैसे कॉर्पोरेट्स के हित में बलिदान कर रही है। विधानसभा में कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया और जयवर्धन ने कड़े अंदाज में कहा है कि जंगल में 6 लाख पेड़ों की कटाई से आदिवासियों की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। कांग्रेस विधायकों ने कहा है कि तीन कोल ब्लॉक अडानी को सौंपने के नाम पर जंगल साफ किया जा रहा है। भूरिया ने पूछा कि ‘अगर सब कुछ नियमों के अनुसार है, तो लोग विरोध क्यों कर रहे हैं?’ वहां से एक और बड़ा सवाल उठा कि सिंगरौली के पेड़ सागर और शिवपुरी में क्यों लगाए जा रहे हैं? कांग्रेस का तर्क है कि स्थानीय नुकसान का मुआवजा स्थानीय भूभाग में होना चाहिए।

सरकार का पक्ष- ‘जितना काटेंगे, उतना लगाएंगे’
वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने दावा किया कि सभी प्रक्रियाएं नियमों के तहत की जा रही हैं। परियोजना जितनी जमीन ले रही है, उतनी बदले में दे भी रही है। जितने पेड़ कटेंगे, उतने लगाए जाएंगे। राज्य व केंद्र सरकार के हर नियम का पालन हो रहा है। लेकिन विपक्ष को यह कागज़ी बराबरी नजर आती है। क्योंकि 100 साल पुराने पेड़ों का ‘एक पौधा’ में कोई बराबर नहीं।

PunjabKesari, Singrauli tree cutting, Singrauli forest controversy, Adani coal block, Ghiroli coal mines, Singrauli news, Madhya Pradesh forest dispute, six lakh trees cutting, MP forest clearance, tribal land dispute, PESA Act Singrauli, Congress alleges Adani, Vikrant Bhuria statement, Adani controversy

PESA कानून पर नया बवाल
पेड़ कटाई का विवाद यहीं तक सीमित नहीं रहा। पूरा सदन PESA एक्ट की बहस में उलझ गया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा सिंगरौली की पंचायतें PESA अधिनियम के दायरे में आती हैं। जबकि मंत्री कैलाश विजयवर्गीय दावा कर रहे थे कि PESA यहां लागू ही नहीं। ऐसे में सवाल उठा कि अगर PESA कभी लागू ही नहीं हुआ तो आठ गांव अधिसूचित क्षेत्र से बाहर कब और कैसे किए गए? यह अस्पष्टता कटाई की वैधता पर और गंभीर सवाल खड़े करती है।

विपक्ष का वॉकआउट... सदन में नारे, बाहर आक्रोश
इस मामले को लेकर विधानसभा में जब बहस तेज हुई, तो वन मंत्री जवाब नहीं दे पाए। विजयवर्गीय ने बीच में सफाई दी, लेकिन बात नहीं बनी। इस दौरान कांग्रेस के सभी विधायक वॉकआउट कर गए। वॉकआउट के दौरान कांग्रेस विधायक नारेबाजी करते रहे, कि ‘जंगल बचाओ, आदिवासी बचाओ!’

PunjabKesari, Singrauli tree cutting, Singrauli forest controversy, Adani coal block, Ghiroli coal mines, Singrauli news, Madhya Pradesh forest dispute, six lakh trees cutting, MP forest clearance, tribal land dispute, PESA Act Singrauli, Congress alleges Adani, Vikrant Bhuria statement, Adani controversy

अगर 5–6 लाख पेड़ काटे गए तो इसका असर क्या होगा...
आपको बता दें कि अगर ऐसा होता है तो इसका असर जंगल पर निर्भर जनजातियों के जीवन पर, वन्यप्राणियों के आवास पर, जलस्रोतों और भूजल स्तर पर, माइक्रो-क्लाइमेट पर, सिंगरौली की पहले से प्रदूषित हवा पर, नर्मदा-तवा-कटनी के जलग्रहण क्षेत्रों पर होगा। यानी असर सिर्फ पेड़ों पर नहीं, समाज–प्रकृति–जीव–जल–हवा सब पर पड़ेगा।

मामला जितना गंभीर, सवाल उतने ही बड़े... 
इस मामले में जो अब की पूरी कहानी है, वो ये है कि पेड़ कट रहे हैं, यह सच है। संख्या लाखों में है, यह भी सच।  कोल ब्लॉक अडानी से जुड़े प्रोजेक्ट का हिस्सा है, ये सत्यापित तथ्य है। विपक्ष इसे ‘कॉर्पोरेट फेवर’ बता रहा है सरकार कह रही है ‘सब नियमों से’ हो रहा है। लेकिन असली सवाल ये हैं कि क्या इतनी बड़ी कटाई स्थानीय अनुमति और जन-सहमति के बिना की जा रही है? क्या PESA लागू था? अगर था, तो ग्रामसभाओं की अनुमति कहां है? 100 साल पुराने पेड़ों का ‘पौधरोपण’ क्या बराबरी कर पाएगा? क्या मुआवजा और पुनर्वास स्थानीय स्तर पर होगा? क्या जंगल को बचाने के विकल्पों पर चर्चा ही नहीं हुई? इन सभी सवालों के जवाब आने वाले दिनों में प्रदेश की राजनीति को और हिला सकते हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!