Edited By Vikas kumar, Updated: 07 Sep, 2020 07:22 PM
मध्यप्रदेश के किसानों को एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की मार को झेलना पड़ रहा है, सोयाबीन की ज्यादातर फसल भारी बारिश और तापमान में अंतर के कारण प्रभावित हुई है। इसके अला ...
भोपाल (प्रतुल पाराशर): मध्यप्रदेश के किसानों को एक बार फिर प्राकृतिक आपदा की मार को झेलना पड़ रहा है, सोयाबीन की ज्यादातर फसल भारी बारिश और तापमान में अंतर के कारण प्रभावित हुई है। इसके अलावा कीटों के चलते सोयाबीन के पौधे संक्रमित हुए हैं। मक्खी, पीले मोजक वायरस का भी प्रभाव है। फसल पर पीलापन स्टेम फ्लाई, आरएबी, एन्थ्रेक्नोज का संयुक्त प्रभाव है, जहां एक तरफ पहले से ही किसान आर्थिक मंदी ओर कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है, वहीं लगातार उसे प्राकृतिक आपदा की मार झेलनी पड़ रही है और किसानों के प्रति सरकार के गैर जिम्मेदार रवैया का भी सामना करना पड़ रहा है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पंकज सिंह ने कहा किसानों के नाम पर सत्ता के शिखर तक पहुचने वाली प्रदेश की शिवराज सरकार और खुद मुख्यमंत्री जो खुद को किसान पुत्र बताते है, उन्हें प्रदेश के किसानों की पीड़ा नजर नहीं आती। पंकज सिंह ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार को इस ओर गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है, और किसानों को दिल्ली सरकार की तर्ज पर 50000 हजार रुपया प्रति हेक्टयर मुआवजा राशी देना चाहिए। जिससे फसल बर्बादी के इस दर्द से प्रदेश का किसान कुछ हद तक उबर सके। प्रदेश अध्यक्ष पंकज सिंह के साथ इस कार्यक्रम में संगठन सचिव नरेश दांगी,प्रदेश प्रवक्ता फराज खान, कोष अध्यक्ष हाशिम अली, भोपाल जिला सचिव एम एस खान ग्रामीण जिला। उपाध्यक्ष मुन्ना सिंह चौहान, मनोज पाल, फहीम कुरैशी इत्यादि साथी उपस्थित रहे।