Edited By Jagdev Singh, Updated: 07 Feb, 2020 05:36 PM
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एसडीएम दफ्तर पर बुधवार को हुए हमले में पुलिस ने एसडीएम अनिल सपकाले को हिरासत में ले लिया है। सपकाले ने ही एक यूनिवर्सिटी के संचालक को फंसाने के लिए इस हमले की साजिश रची थी। इस साजिश में उनके साथ बीजेपी नेता और कृष्णा...
छतरपुर (राजेश चौरसिया): मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में एसडीएम दफ्तर पर बुधवार को हुए हमले में पुलिस ने एसडीएम अनिल सपकाले को हिरासत में ले लिया है। सपकाले ने ही एक यूनिवर्सिटी के संचालक को फंसाने के लिए इस हमले की साजिश रची थी। इस साजिश में उनके साथ बीजेपी नेता और कृष्णा यूनिवर्सिटी के संचालक शामिल थे। पुलिस ने बीजेपी नेता सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। एक आरोपी फरार है।
छतरपुर एसडीएम दफ्तर पर बुधवार को हुए हमले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। उस हमले की साजिश खुद एसडीएम अनिल सपकाले ने अपने साथियों के साथ मिलकर रची थी। वहीं पुलिस ने इस मामले में एसपी तिलक सिंह ने जांच के बाद इसका खुलासा किया है। मामले की जांच एएसपी जयराज कुबेर की टीम ने की थी। पता चला है कि एक यूनिवर्सिटी के संचालक को फंसाने के लिए ये साजिश रची गई थी। पुलिस ने इस मामले में बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे के प्रदेश मंत्री जावेद अख्तर और कृष्णा यूनिवर्सिटी संचालक पुष्पेंद्र गौतम सहित 3 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। एसडीएम अनिल सपकाले पुलिस अभिरक्षा में हैं। एक अन्य आरोपी फरार है।
एसडीएम दफ्तर पर 5 फरवरी को हुए हमले के बाद पुलिस एसडीएम अनिल सपकाले से ही पूछताछ कर रही थी। शक की सुई सपकाले की ओर ही इशार कर रही थी। पुलिस आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। एसडीएम अनिल सपकाले के निवास सर्किट हाउस में ही उनसे कड़े पहरे में पूछताछ की जा रही थी। इस हमले के पीछे कई नामचीन लोगों के शामिल होने की बात सामने आ रही थी।
वहीं यह सारी घटना 5 फरवरी की है। जब सुबह 5 नकाबपोश अज्ञात बदमाशों ने एसडीएम कार्यालय में फायरिंग करते हुए उनके दफ्तर सहित गाड़ी में तोड़फोड़ कर दी थी। प्रशासन को पहले आशंका थी कि यह घटना भू- माफिया के ख़िलाफ की गई कार्रवाई का नतीजा हो सकती है। इसकी वजह ये थी कि एसडीएम अनिल सपकाले ने हाल ही में एंटी भू-माफिया अभियान चलाकर करोड़ों की सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराया था।
लामबंद हुए अफसर हमले की खबर जैसे ही फैली हमलावरों को जल्द पकड़ने की मांग को लेकर जिले के राजस्व अधिकारी और कर्मचारी सड़क पर उतर आए थे। उन लोगों ने एसडीएम कार्यालय से लेकर कलेक्ट्रेट तक मार्च निकालकर कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपा था। राजस्व अधिकारियों ने अल्टीमेटम दिया था कि 3 दिन के अंदर अगर आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया तो पूरे जिले में राजस्व अधिकारी और कर्मचारी जिले में सभी काम बंद कर देंगे।