Edited By meena, Updated: 20 Jul, 2019 02:53 PM
देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के आरोपी एवं पथरिया से बसपा विधायक के पति पर पुलिस ने नरमी का रुख अपनाते हुए उनपर घोषित ईनाम निरस्त कर दिया है। हत्याकांड में गोविंद सिंह की भूमिका को संदिग्ध माना और उन पर आरोप सिद्ध प्रतीत नहीं होने पर पुलिस ने उनके...
भोपाल: देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के आरोपी एवं पथरिया से बसपा विधायक के पति पर पुलिस ने नरमी का रुख अपनाते हुए उनपर घोषित ईनाम निरस्त कर दिया है। हत्याकांड में गोविंद सिंह की भूमिका को संदिग्ध माना और उन पर आरोप सिद्ध प्रतीत नहीं होने पर पुलिस ने उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश नहीं किया। अब इस मामले में नए सिरे से जांच की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, विधायिका के पति गोविंद सिंह पर दमोह जिल के 4 थानों में 16 और जबलपुर में एक आपराधिक मामला दर्ज है। इनमें हत्या, हत्या के प्रयास, महिलाओं को बहला-फुसलाकर ले जाना, लूट और डकैती की योजना से लेकर अवैध हथियार रखने के गंभीर मामले हैं।
इस मामले में एसपी विवेक सिंह ने बताया कि देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में आरोपी पक्ष गोविंद की ओर से दो-तीन आवेदन प्रस्तुत कर जांच की मांग की गई थी। पहले भी पड़ताल में कुछ ऐसे साक्ष्य मिले थे, जिसमें उन पर आरोप सिद्ध नहीं हो रहा था इसलिए उनके खिलाफ जो कार्रवाई की जा रही थी, उसे रोक दिया गया था। एसपी के अनुसार, अब इस मामले में गोविंद सिंह के खिलाफ धारा 173 (8) के तहत प्रकरण की विवेचना की जा रही है। जिसमें आने वाले समय में जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। अभी जांच पूरी नहीं हुई है। इसलिए गोविंद सिंह पर घोषित 2500 हजार की ईनाम भी निरस्त कर दी गई है।
पुलिस ले सकती है यह फैसला
देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड के मुख्य आरोपी को पुलिस सीआरपीसी की धारा 173 के तहत जेल भेजने से पहले मामले की जांच कर सकती है। इसके बाद ही पता चलेगा कि उन्हें जेल भेजा जाएगी या नहीं। जिन मामलों के आधार पर इसकी जांच होती है, उसमें अभियुक्त के सस्वीकृत बयान, उनके मोबाइल लोकेशन और आपसी कनेक्टीविटी, क्षेत्रीय लोगों के मौखिक साक्ष्य और उपयोग किए गए हथियारों की बरामदगी आदि को लेकर पड़ताल की जाती है।