Edited By meena, Updated: 14 Oct, 2025 01:53 PM

मध्यप्रदेश के हरदा जिले की सिराली नगर परिषद में सियासी हलचल तेज हो गई है...
हरदा : मध्यप्रदेश के हरदा जिले की सिराली नगर परिषद में सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा के पार्षदों ने अपनी ही पार्टी की मौजूदा अध्यक्ष अनीता अग्रवाल को हटाकर 23 वर्षीय छात्रा पायल कुशवाहा को नया नगर परिषद अध्यक्ष बनाने की कवायद शुरू कर दी है। यह प्रयास राजनीतिक गलियारों में ‘तख़्तापलट की कोशिश’ के रूप में देखा जा रहा है। यदि यह प्रयास सफल हुआ, तो पायल कुशवाहा सिराली की सबसे युवा नगर परिषद अध्यक्ष बनेंगी।
कलेक्टर को सौंपा इस्तीफा, जताई पायल को अध्यक्ष बनाने की मांग
13 अक्टूबर को सिराली नगर परिषद के पार्षदों ने हरदा जिला कलेक्टर को सामूहिक इस्तीफा सौंपा। उनका कहना है कि मौजूदा अध्यक्ष अनीता अग्रवाल को हटाया जाए और पायल कुशवाहा को नया अध्यक्ष बनाया जाए। इससे पहले, 24 सितंबर को पार्षदों ने भाजपा जिलाध्यक्ष राजेश वर्मा से मुलाकात कर भी यह मांग रखी थी। अब मामला अविश्वास प्रस्ताव तक पहुंच गया है।
कौन हैं पायल कुशवाहा? सबसे युवा दावेदार
पायल कुशवाहा सिराली नगर परिषद की वार्ड 9 से पार्षद हैं। उन्होंने 2022 के चुनाव में निर्विरोध जीत दर्ज की थी। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 21 साल 45 दिन थी। वर्तमान में वह 23 वर्ष की हैं और सिराली के शासकीय कॉलेज में राजनीतिक विज्ञान की छात्रा हैं। उनके पिता भोलाराम कुशवाहा भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता हैं, जबकि उनकी मां सात वर्षों तक जनपद सदस्य रह चुकी हैं।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और तेज़ उभरती पहचान
पायल कुशवाहा ने भले ही हाल ही में राजनीति में कदम रखा हो, लेकिन उनका परिवार लंबे समय से भाजपा से जुड़ा रहा है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई नजरपुरा में बुआ के घर रहकर की और बाद में सिराली के शासकीय स्कूल से 12वीं पास की। वर्तमान में कला संकाय से स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं।
भाजपा और कांग्रेस पार्षद एक मंच पर
सिराली नगर परिषद में कुल 15 वार्ड हैं - जिनमें 10 भाजपा और 3 कांग्रेस पार्षद शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस बार कांग्रेस पार्षद भी पायल कुशवाहा के समर्थन में नजर आ रहे हैं। सभी पार्षदों ने मौखिक सहमति जताई है कि यदि मौजूदा अध्यक्ष अनीता अग्रवाल का इस्तीफा होता है, तो पायल कुशवाहा अध्यक्ष पद की प्रमुख दावेदार होंगी।
इतिहास रचने की दहलीज पर पायल कुशवाहा
यदि यह राजनीतिक समीकरण कामयाब होता है, तो पायल कुशवाहा सिराली की ही नहीं, बल्कि मध्यप्रदेश की सबसे युवा नगर परिषद अध्यक्षों में शुमार हो जाएंगी। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, सिराली का यह “तख़्तापलट” भाजपा के स्थानीय संगठन के लिए एक बड़ा संदेश भी हो सकता है।