जिसके बंगले पर होती थी मेले जैसी भीड़,बधाई देने वालों का लगता था तांता, वो पूर्व मंत्री खुद बांट रहे दूसरों के घर मिठाई, कांग्रेस छोड़ BJP की थी ज्वाइन

Edited By Desh sharma, Updated: 25 Oct, 2025 05:02 PM

deepak saxena is distributing sweets to bjp leaders

जब भी छिंदवाड़ा जिले का नाम आता है तो एक नेता का नाम सबसे पहले आता है, जी हां वो कोई और नहीं खुद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ हैं। कमलनाथ के नाम से तो सब परिचित है लेकिन एक नाम और भी है जो कमलनाथ के बाद दूसरा बड़ा नाम था...हम बात कर रहे हैं...

(छिंदवाड़ा): जब भी छिंदवाड़ा जिले का नाम आता है तो एक नेता का नाम सबसे पहले आता है, जी हां वो कोई और नहीं खुद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ हैं। कमलनाथ के नाम से तो सब परिचित है लेकिन एक नाम और भी है जो कमलनाथ के बाद दूसरा बड़ा नाम था...हम बात कर रहे हैं दीपक सक्सेना की। उनका भी कभी दरबार सजता था और उनके पास मिठाई लेकर बधाई देने वालों की भीड़ लगती थी,  लेकिन अब समय बदल चुका है। भाजपा में शामिल होने के बाद अब दीपक सक्सेना खुद मिठाई बांटते फिर रहे हैं। जी हां इसी का नाम राजनीति है जो कब, कौन सा समय दिखा दे।

दीपक सक्सेना अपने ‘दरबार’ में सैकड़ों कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की भीड़ में त्योहार मनाते थे, आज वही नेता खुद मिठाई का डिब्बा लेकर कुछ नामी नेताओं के घर पहुंच रहे हैं। यह कहानी किसी आम कार्यकर्ता की नहीं, बल्कि पूर्व कैबिनेट मंत्री की है

त्योहारों पर दीपक सक्सेना के बंगले पर मेले जैसा माहौल होता था

गौर करने वाली बात है कि  कांग्रेस में रहते हुए दीपक सक्सेना की शख्सियत इतनी बड़ी थी कि छिंदवाड़ा में हर छोटा-बड़ा नेता उत्सव पर रोहना स्थित उनके घर ‘हाजिरी’ लगाने पहुंचता था। त्योहारों पर उनके बंगले पर मेले जैसा माहौल होता था। लेकिन समय-समय की बात है, इस दीपावली पर तस्वीर बदली हुई दिखाई दी । जिस दीपक सक्सेना का बंगले पर शगुन देने वालों को तांता लगता था वो खुद मिठाई का डिब्बा लेकर भाजपा नेताओं के घर बधाई देने पहुंचे। यह नजारा देख छिंदवाड़ा की राजनीति में चर्चा हो गई जो कभी केंद्र में थे, अब किनारे से शुरुआत कर रहे हैं।

भाजपा में पहले कार्यकर्ता बनना पड़ता है

PunjabKesari

अब इसे भाजपा में ‘कार्यकर्ता संस्कृति’ का हिस्सा बताया जा रहा है। करीब एक साल पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए दीपक खुद को फिर से स्थापित करने की कोशिश में है। कहा जाता है कि भाजपा में पहले किसी को भी कार्यकर्ता के तौर पर शुरुआत करनी पड़ती है।

पहले जैसा रुतवा हासिल करने में लग सकता है समय

लेकिन राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि कांग्रेस में जो रुतबा दीपक सक्सेना का था, उसे भाजपा में दोबारा हासिल करने में वक्त लगेगा। आपको बता दें कि  कभी वो दौर भी था जब दीपक सक्सेना, कमलनाथ के सबसे भरोसेमंद सहयोगी थे। कमलनाथ दिल्ली की राजनीति करते थे और सक्सेना छिंदवाड़ा में एकछत्र राज करते थे। लेकिन भाजपा ज्वाइन करने के बाद अभी दीपक सक्सेना उस रुतवे से दूर हैं जो कभी वो कांग्रेस में रहते उनके पास था। लिहाजा भाजपा में शुरुआत हो चुकी है अब वो कब तक उस मुकाम पर पहुंचेंगे ये तो आने वाला वक्त बताएगा.

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!