Edited By Vikas Tiwari, Updated: 07 Apr, 2021 02:23 PM
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। स्टूडेंटस के भविष्य से खिलवाड़ करना तो मानो इनका पेशा ही बन गया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में भी निजी स्कूल बेखौफ हैं। ताजा मामला नसरूल्लागंज से सामने से आय़ा है। यहां पर एक...
नसरुल्लागंज (अमित शर्मा): प्राइवेट स्कूलों की मनमानी दिनों दिन बढ़ती जा रही है। स्टूडेंटस के भविष्य से खिलवाड़ करना तो मानो इनका पेशा ही बन गया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र में भी निजी स्कूल बेखौफ हैं। ताजा मामला नसरूल्लागंज से सामने से आय़ा है। यहां पर एक छात्रा को पेपर देने से महज इसलिए महरुम कर दिया गया। क्योंकि उसने फीस नहीं भरी थी। छात्रा के पिता स्कूल के सामने गिड़गिड़ाते रहे और बोलते रहे मेरी बेटी का भविष्य खराब मत करो। लेकिन स्कूल पर फीस लेने का नशा चढ़ा हुआ था।
मामला नसरुल्लागंज के बीवीएम इंटरनेशनल स्कूल का है। जहां आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा को अंग्रेजी का पेपर देने से वंचित कर दिया गया। छात्रा के पिता का स्कूल पर आरोप है, कि कोई पुरानी फीस बकाया नहीं थी। सिर्फ चालू सत्र की फीस देने को थी। लेकिन कोरोना काल के चलते परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए उन्होंने फीस बाद में जमा करने की भी प्रार्थना की। लेकिन स्कूल की ओर से एक नहीं सुनी गई। जिसके चलते बेटी पेपर देने से रह गई। मामले को लेकर बीआरसीसी नसरुल्लागंज से शिकायत की गई है।
वहीं छात्रा ने स्कूल के ही एक शिक्षक पर पेपर से वंचित करने का आरोप लगाया हैऔर कहा है उसके पिता के आग्रह करने के बाद भी स्कूल नहीं माना। लिहाजा मामले पर बीआरसीसी ने कहा है कि कोई भी स्कूल किसी को पेपर देने से मना नहीं कर सकता है, और किसी ने अगर ऐसा किया है, तो जांच करके कार्रवाई की जाएंगी। देखना होगा अब प्रदेश के मामा जी की इस भांजी के लिए क्या समाधान निकाला जाता है।