Edited By Devendra Singh, Updated: 20 May, 2022 05:51 PM
इंदौर के एमवाय अस्पताल में पदस्थ 4 स्टाफ नर्सों को निलंबित किया है।
इंदौर (सचिन बहरानी): शिक्षा के नाम पर व्यवसाय करने वालों पर जिला प्रशासन पैनी नजर बनाए हुए है। ये अलग बात है कि शिक्षा को व्यापार बनाने वाले इस बात से बेफिक्र रहते हैं। लेकिन जब कमियां सामने आती है तो कुछ ऐसा होता है। जैसा कि इंदौर के एमवाय अस्पताल में 4 स्टाफ नर्सों के साथ हुआ। महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित ने पिछले दिनों हुए प्रकरण के चलते सच्चाई सामने आने के बाद कलेक्टर के निर्देश पर एमवाय अस्पताल में कार्यरत 4 स्टाफ नर्सों निलंबित कर दिया है।
मौखिक शिकायत के बाद कार्रवाई
इंदौर के पास एक निजी नर्सिंग कॉलेज की लिखित और मौखिक शिकायत इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह से की गई थी। कॉलेज की शिकायत मिलने के बाद इंदौर जिलाधीश ने 3 सदस्य कमेटी बनाकर उस कॉलेज में निरीक्षण के लिए पहुंचाई कॉलेज पहुंची टीम ने भारी अनियमितताएं कॉलेज में देखी। हैरान कर देने वाली बात तो इस कॉलेज में यह निकलकर सामने आई है कि एमवाय अस्पताल में स्टाफ नर्स उस कॉलेज की मुख्य कर्ताधर्ता निकली।
जांच में पाए गए सही तथ्य
पूरे मामले में इंदौर कलेक्टर ने एक कमेटी का गठन कर जांच कराई और जांच में पाया गया कि महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय में स्टाफ नर्स जिनकी संख्या 4 हैं। उस कॉलेज में बतौर फैकेल्टी जांच में पाई गई पूरे प्रकरण में एमजीएम डीन ने कलेक्टर के निर्देश के बाद यह कार्रवाई करते हुए चारों स्टाफ नर्सों को निलंबित किया है।
एमवाय अधीक्षक को विशेष निर्देश
डॉ. संजय दीक्षित ने यह भी कहा कि आगे इस तरह की कोई घटना प्रकाश में ना आए, इसे लेकर एमवाय अधीक्षक को खास निगाह स्टाफ रखने की बात कही गई है।