Edited By ASHISH KUMAR, Updated: 11 Mar, 2019 01:23 PM
जिले में पुलिस की लचरता उस समय उजागर हुई जब अस्पताल में जेरे इलाज शिक्षक पर कुछ दंबगों ने हमला बोल दिया।लवकुशनगर के ग्राम ज्योरहा निवासी हरिमोहन कुशवाहा जो पेशे से शिक्षक है। गांव के दबंगों ने स्कूल से घसीटकर बाहर निकाला और जमकर लात-घूसों,...
छत्तरपुर: जिले में पुलिस की लचरता उस समय उजागर हुई जब अस्पताल में जेरे इलाज शिक्षक पर कुछ दंबगों ने हमला बोल दिया।लवकुशनगर के ग्राम ज्योरहा निवासी हरिमोहन कुशवाहा जो पेशे से शिक्षक है। गांव के दबंगों ने स्कूल से घसीटकर बाहर निकाला और जमकर लात-घूसों, लाठी-डंडों से जानलेवा हमला कर दिया और तब तक पीटा गया जब तक कि वह बेहोश और लहू-लुहान न हो गया। गंभीर हालत में मास्टरजी को जिला अस्पताल छटरपुर लाया गया। जहां उनका ट्रॉमा वार्ड में ईलाज़ चल रहा था। लेकिन देर रात उन्हीं लोगों द्वारा जिला अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में घुसकर राजीनामा करने और जान से मारने की धमकी दी गई है।
मामला चुनावी रंजिश का है। गहतना देर रात डेढ़ से दो बजे की है। जहां सभी मरीज सो रहे थे तभी हथियारबंद लोग आए और भर्ती मरीज़ हरिमोहन कुशवाहा को बंदूक अड़ाकर धमकी दी गई कि, 'हम लोगों की की गई रिपोर्ट को वापिस लो और राजीनामा करो वरना ज़िंदा नहीं छोड़ेंगे। अभी तो हाथ-पैर तोड़े हैं गर नहीं माने तो यहीं अस्पताल में घुसकर गोली भी मार देंगे।'
घटना के बाद परिवार और सामाजिक लोगों ने मिलकर SP को शिकायती आवेदन दिया है और अस्पताल में भर्ती मरीज की पुलिस सुरक्षा में ईलाज़ की मांग की है। वहीं दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन पर भी उंगली भी उठाई जा रही है कि अगर मारपीट के बाद दंबगों पर शिकंजा कसा जाता तथा कानूनी कार्रवाई की जाती तो दंबगों के हौंसले इतने बुलंद नम होते। बहर हाल अगर समय रहते दंबगों को न रोका जाता तो अस्पताल में कोई अनहोनी भी हो सकती थी। वहीं इस अस्पताल में सीसीटीवी कैमरा खराब होने के कारण अस्पताल प्रबंधन पर भी सवाल उठ रहे है।