कंधे पर मासूम, जेब में 200 रुपए लेकर चंडीगढ़ से निकला MP का मजदूर, बोला- घर नहीं जाएंगे तो खाएंगे क्

Edited By meena, Updated: 28 Mar, 2020 08:36 PM

innocent on the shoulder laborers left from chadigarh with rs 200 in pocket

कोरोना के चलते गरीब की दुखभरी दास्तां, कंधे पर मासूम को बिठा चंडीगढ़ से एमपी के लिए निकला मजदूर कोरोना कोरोना कोरोना, इस लाइलाज महामारी से हजारों- लाखों लोगों के भूखे मरने की नौबत आ गई है। 24 मार्च को पीएम मोदी के लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही जिंदगी...

मध्य प्रदेश डेस्क: कोरोना के चलते गरीब की दुखभरी दास्तां, कंधे पर मासूम को बिठा चंडीगढ़ से एमपी के लिए निकला मजदूर कोरोना कोरोना कोरोना, इस लाइलाज महामारी से हजारों- लाखों लोगों के भूखे मरने की नौबत आ गई है। 24 मार्च को पीएम मोदी के लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही जिंदगी जैसे थम सी गई हो, न कोई कहीं आ सकता और न ही कोई जा सकता है। भले ही यह लॉकडाउन कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए लगाया गया हो लेकिन जो लोग मेहनत मजदूरी करने अपनों से दूर अन्य राज्य में गए हैं वे वापसी करने के लिए तरस रहे हैं। न कोई वाहन न जेब में पैसे ऐसे में अपनों के पास जाए तो कैसे। ऐसे में ज्यादातर मजदूर पैदल ही अपना सामान लेकर घरों और गांवों की ओर निकल पड़े हैं।

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मध्य प्रदेश के बहुत से मजदूर महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़ आदि जैसे राज्यों में रोजी रोटी कमाने गए हुए थे। जो अब पैदल ही अपने राज्य की ओर रुख कर रहे हैं। इसी तरह का मामला चंड़ीगढ़ में भी सामने आया है। यहां से कुछ मजदूर मध्य प्रदेश के टीकगमगढ़ के लिए जा रहे हैं। इन लोगों के साथ बच्चे भी शामिल हैं, जिन्हें इन्होंने कंधे पर बैठा रखा है। दिल दहलाने वाली इन तस्वीरों में कुछ महिलाएं भी शामिल हैं।

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वहीं, एक मजदूर ने बताया कि उनकी जेब में सिर्फ दो सौ रुपये हैं। उन्होंने कहा, 'अगर हम अपने घर नहीं जाएंगे तो हम यहां क्या खाएंगे?' ने उन्होंने कहा, 'मेरी जेब में सिर्फ 200 रुपये ही बचे हैं। इसे मैं रास्ते में बच्चों के लिए कुछ खाने में खर्च करूंगा।' आपको बता दें कि, बैतूल और बालाघाट के हजारों मजदूरों को 21 दिन के लॉक डाउन में अपने घरों को लौटना पड़ा। सूरत गए ग्वालियर चंबल के मजदूर बड़ी संख्या में धार से मध्य प्रदेश में भूखे-प्यासे पैदल प्रवेश कर रहे हैं। गुजरात के अहमदाबाद गए करीब 100 ऑटो चालक एक हजार किलोमीटर की यात्रा कर शुक्रवार को सुबह शिवपुरी पहुंचे। वहीं मध्य प्रदेश के बैतूल से लगी महाराष्ट्र की सीमा पर नागपुर से मजदूरों का समूह पैदल 200 किलोमीटर की यात्रा कर घर लौटने को मजबूर हैं। इधर अहमदाबाद गए मुरैना के करीब 100 ऑटो चालक आज सुबह पलायन कर शिवपुरी पहुंच गए हैं।

 

वहीं प्रदेश के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने शिवराज सिंह सरकार पर सवाल उठाए हैं । उन्होंने  कहा- सरकार जमीनी स्तर पर काम कब शुरू करेगी?
 

 

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