Edited By Himansh sharma, Updated: 31 Aug, 2025 10:21 PM

मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में जमीन धोखाधड़ी के एक पुराने मामले में पीड़ित रामशुरेश केवट ने 3 वर्ष थाने के चक्कर लगाये
सिंगरौली। (अंबुज तिवारी): मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में जमीन धोखाधड़ी के एक पुराने मामले में पीड़ित रामशुरेश केवट ने 3 वर्ष थाने के चक्कर लगाये.पुलिस चौकी से लेकर एसपी ऑफिस तक उसने कई आवेदन दिए.लेकिन उसे न्याय नहीं मिला.अब न्यायालय ने जियावन थाना प्रभारी को 26 सितंबर 2025 के पहले जांच प्रतिवेदन मांगा है.
देवसर तहसील के ग्राम ढोंगा निवासी रामसुरेश केवट के सगे भाई दादूलाल केवट आराजी 989/1/1 की 0.5400 हेक्टेयर जमीन फर्जी तरीके से अपने नाम करा ली थी.फर्जीवाड़ा करने के लिए दादूलाल केवट ने रजिस्ट्री लेखक के साथ मिलकर 2012 से अपनी गुमशुदा मां सुकवरिया की जगह तिलरनिया नाम की दूसरी महिला को देवसर उपपंजीयक कार्यालय ले जाकर खड़ा किया था.फर्जीवाड़े की जानकारी होते ही रामशुरेश केवट ने चौकी कुंदवार में शिकायती आवेदन दिया था.
पीड़ित के मुताबिक उस समय कुंदवार चौकी में पदस्थ उप निरीक्षक मामले की जांच करने लगे थे.सूत्रों की माने को तत्कालीन थाना जियावन थाना प्रभारी ने मामले को अपने पास मंगवाकर जांच को ठंडे बस्ते में डाल दिया.इसके पीछे जो भी वजह हो लेकिन मामले की जांच नहीं हुई.पीड़ित रामशुरेश केवट जांच का इंतजार करता रहा .इस बीच उसने कई बार थाने के चक्कर भी लगाए.जब मामले की जांच होती नहीं दिखी तो पीड़ित ने पुनः कुंदवार चौकी में आवेदन दिया.इस बार भी पीड़ित को न्याय नहीं मिला.एक दो महीने इंतजार के बाद पीड़ित ने पुनः जियावन थाने में आवेदन दिया.एसपी के पास भी आवेदन दिया गया.कुछ हफ्ते बाद थाने में पदस्थ एक उप निरीक्षक ने मामले की जांच शुरू की.कुछ दिनों बाद उप निरीक्षक का स्थानांतरण हो गया.
पीड़ित रामसुरेश लगभग 3 वर्ष तक जांच के इंतजार में बैठा रहा.अंत में उसने विवश होकर न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है.देवसर के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल नामदेव ने थाना प्रभारी जियावन को मामले की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है।