Edited By Vikas kumar, Updated: 10 Sep, 2019 05:20 PM
शिवराज सरकार के बाद कमलनाथ सरकार साधु संतों को साधने की तैयारी कर रही है। राजधानी भोपाल में 17 सितंबर को बड़ा संत सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसकी जिम्मेदारी नर्मदा क्षिप्रा नदी न्यास के अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा को सौंपी गई है। इस सम्मेलन में...
भोपाल: शिवराज सरकार के बाद कमलनाथ सरकार साधु संतों को साधने की तैयारी कर रही है। राजधानी भोपाल में 17 सितंबर को बड़ा संत सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसकी जिम्मेदारी नर्मदा क्षिप्रा नदी न्यास के अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा को सौंपी गई है। इस सम्मेलन में बाबा कांग्रेस पार्टी को लेकर रणनीति बनाएंगे।
दरअसल, आज मंगलवार को धर्मस्व मंत्री पीसी शर्मा और नदी न्यास के अध्यक्ष कम्प्यूटर बाबा ने बैठक कर संत समागम की तारीख तय की। समागम पर नर्मदा न्यास के अध्यक्ष कंप्यूटर बाबा ने कहा कि सरकार सभी संतों की बात को सुनेगी। सम्मेलन में करीब 2500 संत जुड़ेंगे। वही बाबा ने पूर्व सीएम शिवराज पर हमला बोलते हुए कहा कि जब सरकार में शिवराज जी थे, संत समाज उनके पास बैठना चाहता था लेकिन उन्होंने हमें कभी नही बुलाया। खुशी की बात है कमलनाथ सरकार के सामने हमने अपनी बात रखी और उन्होंने सहमति दी है।
कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि नर्मदा में मशीनों के द्धारा उत्खनन नहीं किया जाएगा, जो संत कहेंगे कमलनाथ सरकार वही करेगी। वहीं, मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि साधू-संतों के समागम से आने वाले सुझाव सरकार अमल में लाएगी। इस सम्मेलन में सीएम कमलनाथ के साथ पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह भी शामिल होंगे। सम्मेलन में यह रणनीति बनाई जाएगी कि बाबाओ की सरकार में क्या भूमिका होगी। इस सम्मेलन में प्रदेशभर के हजारों बाबा जुटेंगें। कंप्यूटर बाबा ने बताया कि सम्मेलन के दौरान आध्यात्म, नदी संरक्षण और अवैध खनन के अलावा कई और अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।