एक बार फिर खुला कंप्यूटर घोटाले का मामला, पूर्व BJP सांसद की बढ़ी मुश्किलें, EOW करेगा जांच

Edited By Vikas Tiwari, Updated: 07 Feb, 2021 01:54 PM

once again open computer scam case

मध्यप्रदेश के भिंड में 20 साल पहले तत्कालीन BJP सांसद डॉ राम लखन सिंह द्वारा सरकारी स्कूलों के लिए की गई कंप्यूटर खरीदी में घोटाले का मामला एक बार फिर तूल पकड़ रहा है। इस घोटाले को लेकर कांग्रेस के शासन में 2020 में खात्मा रिपोर्ट लगाई गई थी। लेकिन...

भिंड (योगेंद्र भदोरिया): मध्यप्रदेश के भिंड में 20 साल पहले तत्कालीन BJP सांसद डॉ राम लखन सिंह द्वारा सरकारी स्कूलों के लिए की गई कंप्यूटर खरीदी में घोटाले का मामला एक बार फिर तूल पकड़ रहा है। इस घोटाले को लेकर कांग्रेस के शासन में 2020 में खात्मा रिपोर्ट लगाई गई थी। लेकिन याचिकाकर्ता अशोक सिंह भदोरिया ने खात्मा रिपोर्ट पर आपत्ती लगाते हुए इसकी जांच की मांग की है। जिस पर विशेष अदालत द्वारा इस मामले में 8 बिंदुओं पर जांच के लिए EOW को निर्देशित किया गया है।

PunjabKesari, Madhya Pradesh, Bhind, computer scam, former BJP MP, EOW

दरअसल 1999-2000 में तत्कालीन सांसद रामलखन सिंह कुशवाह द्वारा 23 सरकारी स्कूलों के लिए कुल 115 कंप्यूटर खरीदने के लिए सांसद निधी से पैसे दिए गए थे। वहीं कम्प्यूटर खरीदी के लिए एजेंसी की अनुशंसा भी तत्कालीन कलेक्टर मुक्तेश वर्ष्णेय को की गई थी। कलेक्टर द्वारा भी स्कूलों में कंप्यूटर लगाए जाने के लिए बिजली, फर्नीचर और रूम आदि की जांच किए बिना कंप्यूटर लगाने के आदेश सांसद द्वारा बताई गई एजेंसी को दे दिए। जानकारी के अनुसार रिपोर्ट में एक कंप्यूटर की कीमत 99 हजार रुपए दर्शाई गई। जबकि मामले को उठाने वाले वकील अशोक भदौरिया ने कहा है कि HCL कंपनी के कम्प्यूटर लगाए जाने की जगह स्कूलों में असेम्बल्ड कम्प्यूटर लगाए गए थे। इसके लिए उन्होंने जब खुद स्कूल जाकर देखा तो वहां केवल CPU के डिब्बे रखे मिले, उनके अंदर कोई भी हार्डवेयर नहीं मिला। जिसके बाद अशोक भदोरिया ने ग्वालियर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मामले को उठाया। ग्वालियर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने भी अधिवक्ता अशोक भदोरिया के पक्ष में फैसला सुनाया और कंप्यूटर सप्लायर्स को कंप्यूटर को चालू कंडीशन में देने के लिए आदेश दिया। लेकिन एजेंसियों द्वारा कोर्ट के इस फैसले का पालन नहीं किया गया। जिसके बाद तत्कालीन भाजपा विधायक नरेंद्र कुशवाहा ने भी सदन में इस मामले को उठाया था। वर्ष 2018 में EOW ने पूर्व सांसद रामलखन सिंह, तत्कालीन कलेक्टर मुक्तेश वर्ष्णेय सप्लायर्स औऱ राज्य शासन के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया। लेकिन इसके बाद कमलनाथ सरकार के दौरान रामलखन सिंह के बेटे और विधायक संजीव कुशवाहा के दबाव में खात्मा रिपोर्ट लगाकर इस मामले को बंद करने की तैयार की गई। लेकिन जब याचिकाकर्ता के पास इस बारे में नोटिस आया तो उन्होंने इस पर की पुनः जांच की मांग की। जिस पर सांसद और विधायक के लिए विशेष अदालत ने EOW को 8 बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।

PunjabKesari, Madhya Pradesh, Bhind, computer scam, former BJP MP, EOW

वहीं याचिकाकर्ता अशोक भदौरिया ने मांग की है कि उन्हें ईओडब्ल्यू पर भरोसा नहीं है इसलिए इसकी जांचCBI से करवाई जानी चाहिए। वहीं विधानसभा में इस मामले को उठाने वाले पूर्व बीजेपी विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाह का कहना है कि शिक्षा के क्षेत्र में किसी भी प्रकार का घोटाला नहीं होना चाहिए। चाहे भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की, घोटालेबाजों को सजा मिलनी चाहिए।

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!