बड़े भाई, छोटे भाई की जोड़ी ने मध्य प्रदेश को लूटा : सिंधिया

Edited By PTI News Agency, Updated: 27 Oct, 2020 08:26 PM

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भोपाल, 27 अक्टूबर (भाषा) भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की जोड़ी ने मध्य प्रदेश को भ्रष्टाचार की खाई में धकेल दिया था और विकास की कीमत पर ‘‘बड़े भाई-छोटे भाई’’ ने...

भोपाल, 27 अक्टूबर (भाषा) भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की जोड़ी ने मध्य प्रदेश को भ्रष्टाचार की खाई में धकेल दिया था और विकास की कीमत पर ‘‘बड़े भाई-छोटे भाई’’ ने प्रदेश को खूब लूटा।

राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा सीट तथा धार जिले की बदनावर विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में दो चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए सिंधिया ने कहा कि बड़े भाई और छोटे भाई (कमलनाथ एवं दिग्विजय सिंह) की जोड़ी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तुलना में विकास की बड़ी लाइन खींचने की बजाय तबादला उद्योग खोलकर वल्लभ भवन को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया।

सिंधिया ने कहा, ‘‘कमलनाथ को दुनिया के बड़े उद्योगपति के रूप में पेश किया गया था। इसपर मैंने सोचा था कि वह राज्य में उद्योग लाएंगे लेकिन वास्तव में उन्होंने राज्य के सचिवालय को भ्रष्टाचार के अड्डे में बदलकर तबादला उद्योग शुरू कर दिया।’’ उन्होंने कहा कि कमलनाथ के शासन में एक पुलिस अधीक्षक का छह माह की अवधि में पांच दफा तबादला किया गया।
सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में इसके अलावा शराब और खनन के कारोबार भी पनपे। स्थिति यहां तक पहुंच गयी थी कि तत्कालीन कैबिनेट मंत्री उमंग सिंघार ने भी कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिखकर उनके (दिग्विजय सिंह) खिलाफ शिकायत की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘ वे (कांग्रेस) बड़े वादे कर 15 साल बाद सत्ता में आए थे लेकिन 15 माह के शासन में ही उन्होंने प्रदेश को बर्बाद कर दिया। बड़े भाई (कमलनाथ) मुख्यमंत्री बने तो छोटा भाई (दिग्विजय सिंह) सुपर मुख्यमंत्री बन गए।’’ भाजपा नेता ने कहा कि देश के 70 साल के लंबे इतिहास में कभी भी छह कैबिनेट मंत्रियों सहित 22 विधायकों ने विकास के मुद्दे को लेकर अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया। इतना ही नहीं 22 विधायकों के बाद तीन और कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दिया तथा हाल ही में एक और कांग्रेस विधायक ने कांग्रेस छोड़ दी।
उन्होंने कहा कि कमलनाथ अपना समूह एक साथ रखने में सक्षम नहीं हैं। कांग्रेस के 114 विधायकों में से 26 ने पार्टी छोड़ दी और वह (कमलनाथ) अब भी प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं।
सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस के 15 माह के शासनकाल में प्रदेश में भ्रष्टाचार आगे था जबकि विकास पीछे। हालांकि पिछले सात महीनों में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में बंद पड़ी विकास योजनाओं को शुरू किया है जबकि कमलनाथ हमेशा प्रदेश में धन की कमी का रोना रोते रहते थे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में यह उपचुनाव अहम है क्योंकि लोगों को तीन नवंबर को मतदान में तय करना है कि प्रदेश की बागडोर बड़े भाई-छोटे भाई की जोड़ी को देनी है या चौहान-सिंधिया की विकासोन्मुखी जोड़ी को।
बदनावर से भाजपा ने प्रदेश के मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को तथा नारायण सिंह पंवार को ब्यावरा विधानसभा सीट से उपचुनाव में उतारा है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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