Edited By meena, Updated: 26 Jun, 2020 05:18 PM
मध्यप्रदेश के सतना में क्वारंटाइन किए गए मजदूरों ने ऐसा कमाल कर दिखाया कि देखने वाला हर कोई दांतो तले उंगली दबा दे। लॉकडाउन में मुंबई से लौटे उचेहरा जनपद की ग्राम पंचायत जिगनहट के मजदूरों ने स्कूल की कायाकल्प ही बदल दी। मजदूरों ने स्कूल की इमारत की...
सतना(रविशंकर पाठक): मध्यप्रदेश के सतना में क्वारंटाइन किए गए मजदूरों ने ऐसा कमाल कर दिखाया कि देखने वाला हर कोई दांतो तले उंगली दबा दे। लॉकडाउन में मुंबई से लौटे उचेहरा जनपद की ग्राम पंचायत जिगनहट के मजदूरों ने स्कूल की कायाकल्प ही बदल दी। मजदूरों ने स्कूल की इमारत की पुताई कर उसे वंदे भारत एक्सप्रेस में बदल दिया। सोशल मीडिया पर लोग इन मजदूरों की जमकर तारीफ कर रहे हैं।
बता दें कि रोजी रोटी की तलाश में मुंबई गए मध्य प्रदेश के प्रवासी लॉकडाउन में लौटे तो उन्हें पहले 15 दिनों के लिए क्वारंटाइन किया गया। इन मजदूरों के लिए ग्रामीण इलाकों में सरकारी स्कूल को क्वारंटीन केंद्र बनाए गए थे। प्रवासी मजदूरों को यहीं ठहराया गया था। इस दौरान मजदूरों ने अपने हुनर का कमाल दिखाया और स्कूल की ऐसी रंगत बदली उसे अपने हुनर से वंदे भारत एक्सप्रेस का रंग दे दिया है अब इस स्कूल का नया नाम बंदे भारत एक्सप्रेस स्कूल हो गया है। इस पहल को देखकर जिला पंचायत सीईओ ने भी अन्य पंचायतों में इसी तरह के प्रयोग करने के निर्देश जारी किए हैं।
गौरतलब है कि स्कूल में क्वारंटीन किए गए मजदूरों से मिलने जब उपयंत्री राकेश पहुंचे तो उन्होंने श्रमिकों से पूछा आप मुंबई में क्या करते थे उन्होंने बताया कि हम हम पेंटिंग का काम करते थे। क्योंकि राकेश ताम्रकार पहले भी एक विद्यालय को एजुकेशन एक्सप्रेस का नया नाम दिया है। ऐसे में ताम्रकर ने मजदूरों के सामने अपने दिल की बात रखी।
फिर क्या था मजदूरों ने स्कूल की काया पलट कर दी। स्कूल का मॉडल देखते ही बनता है। मजदूरों की 15 दिनों की मेहनत पूरे मध्यप्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। बता दें कि उपयंत्री राकेश ताम्रकार कई स्कूलों में ऐसे प्रयोग कर रहे हैं जिससे नौनिहालों का लगाव शिक्षा के प्रति बना रहे।