सीधी जिला कलेक्टर की कोशिशों के मुरीद हुए CM कमलनाथ, कहा- ‘हम सब के लिए प्रेरणा’

Edited By Vikas kumar, Updated: 18 Jul, 2019 01:36 PM

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सीधी ज़िले में दस्तक अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत बड़ी संख्या में इलाज कराने आए एनिमिक बच्चों के पास ठहरने के व्यवस्था ना होने के कारण कलेक्टर ने अपने ही घर में उन्हे ठ...

भोपाल (इज़हार हसन खान): सीधी जिला कलेक्टर कलेक्टर अभिषेक सिंह की सराहनीय कोशिशों के सीएम कमलनाथ भी मुरीद हो गए हैं। जिले में चल रहे दस्तक अभियान के तहत बड़ी संख्या में एनिमिक पीड़ित बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं। बच्चों की संख्या ज्यादा होने के चलते कलेक्टर ने न सिर्फ उनकी व्यवस्थाओं का खुद ख्याल रखा बल्कि उनके ठहरने के लिए अपने आवास के दरवाजे भी खोल दिए। कलेक्टर के इस कदम के मुरीद सीएम कमलनाथ ने ट्वीट भी किया है



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दरअसल सीधी जिले में दस्तक अभियान के तहत जिले भर में मौजूद एनीमिक बच्चों को जिला अस्पताल लाकर उनका इलाज कराया जा रहा है, उन्हे खून चढ़ाया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए कलेक्टर अभिषेक सिंह ने पूरा ज़ोर लगा दिया है, और अपने अधीनस्थ अधिकारियों से कहा है कि जिले में एक भी बच्चा ऐसा ना रहे जो एनेमिक हो और वो छूट जाए, आप पूरे जिले से बच्चे लेकर आओ, मैं जगह की कमी नहीं होने दूंगा, किसी भी बच्चे को बिना इलाज के वापस नहीं जाने दूंगा। कलेक्टर के आदेश के बाद उनके अधीनस्थ अधिकारी जिले से एनेमिक बच्चों को ढूंढने में जुट गए, हालात यह हुए कि अस्पताल में इलाज कराने आए बच्चे और उनके परिजनों की संख्या काफी बढ़ गई। समान्यता किसी भी जिला अस्पताल में महीने भर में 300 ब्लड ट्रांसफ्यूजन होते हैं, वह भी महिलाओं के, लेकिन सीधी जिला अस्पताल में प्रतिदिन 200 से 250 बच्चों का ब्लड ट्रांसफ्यूजन हो रहा है, ब्लड ट्रांसफ्यूजन में सबसे बड़ी समस्या होती है खून की व्यवस्था करना और मरीजों के लिए भोजन व्यवस्था भी करना। कलेक्टर ने जो वादा किया था उसको पूरा करने के लिए बच्चों और उनके परिजनों को अपने निवास रुकवाया और इलाज के बाद उनकी वापस जाने की भी व्यवस्था कराई।

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आपको बता दें कि अभिषेक सिंह के सीधी कलेक्टर बनने के बाद उन्होंने जिला अस्पताल में 2 करोड़ की राशि से रिनोवेशन कराकर अस्पताल के हालात सुधरवाए। एक और खास बात यह भी है कि अभिषेक सिंह की अपनी खुद की बेटी भी बीमार है और भोपाल में है अभिषेक सिंह को 20 जुलाई तक इन बच्चों की व्यवस्था कराना है, मगर कलेक्टर अपने जिले के बच्चो की वजह से अपनी बच्ची को देखने भी भोपाल नहीं जा पाए। 2009 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अभिषेक सिंह तेज तर्रार स्वभाव के व्यक्ति के रूप पहचान बना चुके हैं। वह तुरंत एक्शन लेने में माहिर हैं बता दें कि सीधी कलेक्टर का चार्ज लेते ही वह एक्शन मूड में दिख रहे हैं और उनके इस काम की चौतरफा तारीफ भी हो रही है।

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