मध्यप्रदेश में गाय पर राजनीति लेकिन, गौशालाओं पर नहीं है सरकार का ध्यान, संचालकों ने चेताया

Edited By meena, Updated: 18 Aug, 2022 02:32 PM

the operators of the gaushalas warned the shivraj government

मध्यप्रदेश में सरकारें गाय को लेकर सियासत करती रही हैं, चाहें वह भाजपा की शिवराज सरकार हो या कांग्रेस की कमलनाथ सरकार। दोनों ही सरकारों में गोवंश और गोशालाओं को लेकर बड़े बड़े वादे किए गए थे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती हैं। अपने आप को सच्चा...

खंडवा(निशात सिद्दिकी): मध्यप्रदेश में सरकारें गाय को लेकर सियासत करती रही हैं, चाहें वह भाजपा की शिवराज सरकार हो या कांग्रेस की कमलनाथ सरकार। दोनों ही सरकारों में गोवंश और गोशालाओं को लेकर बड़े बड़े वादे किए गए थे लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान करती हैं। अपने आप को सच्चा गौ भक्त बताने वाले शिवराज के राज में ही गौशाला संचालक परेशान नजर आ रहे हैं। खंडवा में गौशाला संचालकों ने प्रदेश सरकार से नाराजगी जताते हुए सरकार के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया हैं। गौशाला संचालकों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर प्रदेश सरकार को चेताया कि अगर सरकार गोशालाओं को लेकर सजग नहीं हुई तो वह सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे।

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मध्य प्रदेश में सरकार और प्रशासन की अनदेखी से नाराज गौशाला संचालकों के सब्र का बांध टूट गया है और अब उन्होंने सड़क पर आकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का मन बना लिया है।  खंडवा में  बुधवार को पंजीकृत गौशालाओं  के संचालको ने एक ज्ञापन खंडवा कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर मुख्यमंत्री ने नाम सौंपा, जिसमें मांग की गई कि सरकार से गौशाला संचालकों को कोई सहयोग नहीं मिल रहा है।  जिसके चलते  गौशाला संचालकों को संचालन में दिक्कत आ रही है।  गौशाला संचालकों ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार हमारी मांग नहीं मानती है तो जन आंदोलन करेंगे। गौशाला संचालकों का मानना हैं कि सरकार उनके साथ कोई सहयोग नहीं कर रही। गौशाला संचालक सुखदेव बाबा ने बताया कि करीब 18 माह से शासन से अनुदान नहीं मिला है। जिसके चलते गौशाला कर्ज में डूब रही है।  उन्होंने कहा कि भूसे का भाव बढ़ रहा है। गौचर के लिए शासन जमीन उपलब्ध नहीं करवा रही है।  शासन घोषणा करता है लेकिन  उन घोषणाओं को पूरी नहीं करता।  जिसके चलते गौशालाओं की स्थिति बिगड़ती जा रही है।  उन्होंने चेताया कि अगर सरकार हमारी मांग नहीं मानता है तो जन आंदोलन करेंगे।

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गौरतलब है कि गौशाला संचालक पिछले लंबे समय से सरकार की अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। गौशालाओं के संरक्षण और संवर्धन को लेकर सरकार के तमाम दावों की ज़मीनी हकीकत दावों से उलट है।  चारा-पानी और देखभाल के अभाव में प्रदेश की गौशालाओं में आए दिन किसी न किसी जिले में गायें दम तोड़ रही हैं। सरकार बदली हालात नहीं ! मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 2018 में कमलनाथ सरकार ने गौशालाओं के लिए 150 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया था। जबकि 2021-22 में शिवराज सरकार ने 60 करोड़ का ही प्रावधान किया। यानी सरकार चाहे कांग्रेस की हो या भाजपा  की, दोनों ने ही गौशालाओं की जरूरत के मुताबिक बजट नहीं दिया। प्रदेश में अभी 627 प्राइवेट गौशाला और मुख्यमंत्री गौसेवा योजना से बनी 951 गौशालाओं में करीब 2 लाख 55 हजार से अधिक गायें हैं।  इनके साल भर खाने के लिए ही करीब 184 करोड़ की आवश्यकता है, लेकिन सरकार की ओर से इतना बजट कभी दिया ही नहीं गया।

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