Edited By Jagdev Singh, Updated: 01 Feb, 2020 11:25 AM
मध्य प्रदेश पुलिस ने उज्जैन में एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जिसके सदस्य खुद को नेपाल की सरकार के करीबी बताकर सरकारी सुविधा लेने के लिए सर्किट हाउस में रुके हुए थे। गुरुवार को सरकारी नम्बर प्लेट लगी कार से उज्जैन पहुंचे 3 लोगों ने सर्किट हाउस में...
भोपाल: मध्य प्रदेश पुलिस ने उज्जैन में एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जिसके सदस्य खुद को नेपाल की सरकार के करीबी बताकर सरकारी सुविधा लेने के लिए सर्किट हाउस में रुके हुए थे। गुरुवार को सरकारी नम्बर प्लेट लगी कार से उज्जैन पहुंचे 3 लोगों ने सर्किट हाउस में कमरा बुक कराया था। इनमें से एक महावीर प्रसाद तोरड़ी ने खुद का परिचय नेपाल के उपराष्ट्रपति के सांस्कृतिक सलाहकार के तौर पर दिया। वहीं इसके साथी प्रमोद शर्मा ने भी खुद को पूर्व सलाहकार तो वही एक और साथी कुलदीप शर्मा ने खुद का परिचय निजी सचिव नेपाल सरकार के तौर पर दिया था। जब सर्किट हाउस को इनकी बोली से शक हुआ तो पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस टीम ने पहुंचकर जब इनसे नेपाल सरकार के आधिकारिक कागजात मांगे गए तो इन्होंने पहले तो पुलिस पर धौंस जमाने की कोशिश की और फिर कुछ विजिटिंग कार्ड दिए।
वहीं इसके अतिरिक्त इन्होंने कुछ आईडी कार्ड भी पुलिस को दिखाए, लेकिन जांच के बाद पता चला कि ये सब फर्जी हैं और नेपाल सरकार की तरफ से इनमें से कोई भी अधिकृत नहीं है। तीनों राजस्थान के रहने वाले हैं। इसके बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 419(ए), 420(ए), 464(ए), 465(ए), 468(ए), 470(ए), 471(ए) और 120(बी,ए 34) के तहत मामला दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं इनके पास से नेपाल सरकार की नेमप्लेट लगी कार भी पुलिस ने जब्त कर ली है।
वहीं पूछताछ में तीनों ने पुलिस को बताया है कि यह सभी अपना ऊंचा ओहदा बताकर महाकाल मंदिर में वीवीआईपी दर्शन सुविधा लेना चाहते थे। यही नहीं उज्जैन से पहले तीनों ने आगर के नलखेड़ा में प्रसिद्ध बगलामुखी माता के दर्शन भी वीवीआइपी कोटे से किए थे और बाकायदा सभी वीवीआइपी सुविधाएं भी ली थीं। अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में है कि इन्होंने इसी तरीके से अपनी फर्जी पहचान के जरिए देश के अलग-अलग हिस्सों में क्या लोगों को ठगा भी है?