CM मोहन ने बुंदेलखंड की धरती से लिखा विकास का नया अध्याय, सौगातों की लगा दी झड़ी

Edited By meena, Updated: 09 Dec, 2025 02:45 PM

cm mohan wrote a new chapter of development from the land of bundelkhand

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास और रोजगार...

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास और रोजगार संपन्न बनाने,सिंचाई सुविधाओं के विस्तार,सड़कों के निर्माण सहित नौरादेही अभ्यारण्य में चीता के रहवास के लिए विकास कार्यों को स्वीकृति जैसे अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गये। मुख्यमंत्री डॉ यादव का मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने बुंदेलखंड के विकास पर केंद्रित विकास के महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने पर करतल ध्वनि से स्वागत किया गया। बैठक में छतरपुर और दमोह के मेडिकल कालेजों में पदों की स्वीकृति सहित शासकीय चिकित्सालयों के उन्नयन और नवीन पदों के सृजन को भी स्वीकृति दी गईं।

मंत्री-परिषद ने बुंदेलखंड क्षेत्र के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से सागर के औद्योगिक क्षेत्र 'मसवासी ग्रंट' के लिए एक विशेष औद्योगिक प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दी गई है।इस पैकेज की मदद से एक निवेशक-हितैषी वातावरण तैयार होगा, जिससे यहां 24 हजार 240 करोड़ रूपये के निवेश के रास्ते खुलेंगे। यह प्रयास सीधे तौर पर 29 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रदान कर आर्थिक उन्नयन का नया मार्ग खोलेगा।

स्वीकृति अनुसार भूमि प्रब्याजी और वार्षिक भू-भाटक की दर केवल एक रुपये प्रति वर्गमीटर निर्धारित की है। इसके अतिरिक्त, विकास शुल्क चुकाने के लिए 20 समान वार्षिक किश्तों की सुविधा दी गई है, और संधारण शुल्क 8 रुपये प्रति वर्गमीटर वार्षिक तय किया गया है।

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निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए स्टाम्प और पंजीयन शुल्क में 100% प्रतिपूर्ति की स्वीकृति दी गई है। साथ ही, इकाइयों को वाणिज्यिक उत्पादन शुरू होने की तारीख से पांच वर्षों तक विद्युत शुल्क में छूट दी गई है।

वित्तीय सहायता पैकेज के तहत वृहद श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों पर उद्योग संवर्धन नीति 2025 और निवेश प्रोत्साहन योजना 2025 के नियम लागू होंगे, जबकि एमएसएमई (MSME) इकाइयों के लिए एमएसएमई विकास नीति 2025 और एमएसएमई प्रोत्साहन योजना 2025 के प्रावधान प्रभावी होंगे। सीमेंट निर्माण इकाइयों को इस विशेष वित्तीय सहायता पैकेज का लाभ नहीं मिलेगा। यह विशेष पैकेज आगामी पांच वर्षों के लिए प्रभावशील रहेगा।

सागर से दमोह 76 किलोमीटर फोरलेन मार्ग निर्माण के लिए 2059 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति

मंत्री-परिषद द्वारा सागर-दमोह मार्ग, लंबाई 76.680 किमी 4-लेनमय पेव्हड शोल्डर के साथ हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) के अंतर्गत उन्नयन एवं निर्माण के लिए परियोजना वित्तीय लागत  2,059 करोड़ 85 लाख रूपये की स्वीकृति दी गई है। स्वीकृति अनुसार लागत का 40% हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (HAM) के अंतर्गत मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम द्वारा राज्य राजमार्ग निधि से जीएसटी सहित वहन किया जाएगा।शेष 60% राशि का प्रावधान संचालन अवधि में 15 वर्षों तक 6 माही एन्युटी के रूप में राज्य बजट के माध्यम से किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त भू अर्जन एवं अन्य कार्यों के लिए 323 करोड़ 41 लाख रूपये का भुगतान भी राज्य बजट से किया जाएगा। परियोजना अंतर्गत 13 अंडरपास, 3 वृहद पुल, 9 मध्यम पुल, 1 ROB, 13 वृहद जंक्शन और 42 मध्यम जंक्शन का निर्माण किया जायेगा।

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दमोह,छतरपुर और बुधनी मेडिकल कॉलेज के लिए 990 नियमित और 615 आउटसोर्स पदों की स्वीकृति

मंत्री-परिषद द्वारा नवीन शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय दमोह, छतरपुर और बुधनी के संचालन के लिए 990 नियमित और 615 आउटसोर्स पदों की स्वीकृति दी गई है। स्वीकृति अनुसार प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय में 330 नियमित पद सृजन और 205 व्यक्तियों को आउटसोर्स पर नियोजित किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।

वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व नौरादेही को चीतों के रहवास के लिए विकसित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति

मंत्री-परिषद ‌द्वारा सागर में वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व नौरादेही को चीतों के तीसरे रहवास के रूप में विकसित करने के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। उल्लखेनीय है कि सितंबर 2022 में कुनो राष्ट्रीय उ‌द्यान श्योपुर में पहला और अप्रैल 2025 में गांधी सागर अभयारण्य मंदसौर में दूसरा चीता रहवास प्रारंभ किया गया है। मध्यप्रदेश में वर्तमान में कुल 31 चीते हैं। कुनो राष्ट्रीय उद्‌यान श्योपुर में 28 और गांधी सागर अभयारण्य मंदसौर 02 चीतों का रहवास है। इसके अतिरिक्त जनवरी 2026 में बोत्सवाना से 08 चौते कुनो में पहुंचना संभावित है।

दमोह के तेंदूखेड़ा में 165 करोड़ से अधिक की झापन नाला मध्यम सिंचाई परियोजना को स्वीकृति

मंत्री-परिषद द्वारा दमोह जिले की तेंदूखेड़ा तहसील की झापननाला मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 165 करोड़ 6 लाख रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। परियोजना के तहत तेंदूखेड़ा तहसील के 17 ग्रार्मा का कुल 3600 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा।

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प्रदेश के 11 जिलों में 12 स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन और 348 पदों की स्वीकृति

मंत्री-परिषद ने 11 जिलों की 12 स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। निर्णय अनुसार नीमच जिले के भादवामाता उप स्वास्थ्य केंद्र को 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उन्नयन किया जाएगा। शाजापुर के मक्सी स्थित 6 बिस्तरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का उन्नयन 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल में किया जाएगा। इसी प्रकार, उज्जैन के जीवाजीगंज और खंडवा के ओंकारेश्वर स्थित 20 बिस्तरीय सिविल अस्पतालों का विस्तार कर उन्हें 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल बनाया जाएगा।

इसके अतिरिक्त, पन्ना के अजयगढ़, खरगोन के महेश्वर, सिंगरौली के देवसर और रीवा के हनुमना स्थित 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को 50 बिस्तरीय सिविल अस्पतालों में अपग्रेड किया जाएगा। बड़े उन्नयन कार्यों में बैतूल के भीमपुर, सिंगरौली के चितरंगी और अनूपपुर के कोतमा स्थित 30 बिस्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को 100 बिस्तरीय सिविल अस्पतालों में बदलना शामिल है। साथ ही, सागर जिले के बीना स्थित 50 बिस्तरीय सिविल अस्पताल का उन्नयन कर उसे 100 बिस्तरीय किया जाएगा ।

इन संस्थाओं के संचालन के लिए मंत्री-परिषद ने 345 नियमित और 03 संविदा पदों के सृजन को मंजूरी दी है। साथ ही 136 व्यक्तियों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से रखने की स्वीकृति भी दी गई है। इस पूरी प्रक्रिया 27 करोड़ 17 लाख रुपये का वार्षिक व्यय किया जायेगा।

पिछड़ा वर्ग के 600 युवाओं को 2वर्ष में रोजगार के लिए जापान और जर्मनी भेजने का निर्णय

मंत्री-परिषद ‌द्वारा पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की विभागीय योजनान्तर्गत, अन्य पिछड़ा वर्ग के 600 युवाओं को दो वर्षों में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सोशल इंपैक्ट बांड (SIB) वित्तीय उपकरण का प्रयोग कर जापान एवं जर्मनी भेजे जाने के लिए प्रस्तुत परियोजना प्रस्ताव की स्वीकृति प्रदान की गई।

प्रदेश में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए 397.54 करोड़ रुपये की की स्वीकृति

मंत्री-परिषद द्वारा 15वें वित्त आयोग की अनुशंसानुसार प्रदेश में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए 397 करोड़ 54 लाख रुपये की कार्ययोजना की स्वीकृति प्रदान की गई। कार्ययोजना की वित्तीय लागत में 75% केंद्रांश राशि 297 करोड़ 15 लाख रुपये और 25% राज्यांश राशि 100 करोड़ 38 लाख 50 हजार रुपये होगा। 

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