पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स में गीता का पाठ पढ़ाने पर सियासत: मुस्लिम स्कॉलर ने जताई आपत्ति, जीतू- सिंघार ने भी सरकार को घेरा

Edited By meena, Updated: 08 Nov, 2025 03:15 PM

politics erupts over teaching the bhagavad gita in police training centers musl

मध्य प्रदेश के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स में अब रंगरूटों को भगवद गीता का पाठ भी पढ़ाया जाएगा...

भोपाल (इजहार खान) : मध्य प्रदेश के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर्स में अब रंगरूटों को भगवद गीता का पाठ भी पढ़ाया जाएगा। पुलिस मुख्यालय की ट्रेनिंग शाखा ने प्रदेश के सभी आठ ट्रेनिंग सेंटर्स में यह व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए हैं। कहा गया है कि नए आरक्षकों के लिए गीता पाठ सत्र शुरू किए जाएं, ताकि उनमें “नेक और अनुशासित जीवन” जीने की प्रेरणा विकसित हो। यह आदेश एडीजी ट्रेनिंग राजा बाबू सिंह ने 3 नवंबर को जारी किया है। फिलहाल प्रदेश के आठों ट्रेनिंग स्कूलों में करीब 4 हजार पुरुष-महिला नवआरक्षक 9 महीने की बेसिक ट्रेनिंग ले रहे हैं। 

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बता दें पहले इन नवआरक्षकों की ट्रेनिंग की शुरुआत में एडीजी ने रामचरितमानस का पाठ कराने के निर्देश दिए थे। तब उन्होंने कहा था कि धार्मिक ग्रंथों के अध्ययन से रंगरूटों में अनुशासन, चरित्र निर्माण और कर्तव्यनिष्ठा की भावना मजबूत होती है। वहीं ADG के इस आदेश का हिंदू संगठनो ने स्वागत किया है। हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष चन्द्रशेखर तिवारी ने कहा है कि भागवत गीता हमें जीने की राह सिखाती है किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। पहले बाबर और अकबर को महान बताया गया था लेकिन गीता पाठ से ग़लत होने पर सही राह कैसे चुने इसका ज्ञान मिलता है।

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मुस्लिम स्कॉलर ने जताई आपत्ति

वहीं मुस्लिम स्कॉलर ने इस मामले पर आपत्ति जताई है। मुस्लिम स्कॉलर का कहना है कि पुलिस देश की रक्षक है। एक धर्म विशेष को थोपने की कोशिश मत करो। गोडसे और सावरकर की विचारधारा से देश नहीं चलेगा। देश गांधी और अंबेडकर के विचारधारा से चलेगा। वहीं उन्होंने मांग की है कि यदि पुलिस को ग्रंथ पढ़ना ही है तो सभी धर्मों के ग्रन्थ को पढ़ाए जाने चाहिए।

पटवारी ने कहा- सरकार सिर्फ धर्म की बात करती है रोजगार की नहीं...

वहीं इस मामले पर सियासत भी गरमाने लगी है। कांग्रेस ने सरकार से कई सवाल उठाए है पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा है कि गीता किसी धर्म की नहीं है, कृष्ण ने जो संदेश दुनिया को दिया...वह जीवन शैली को सुकून से, न्याय से जीने का दिया। उससे ज्ञान से किसी को भी मिले उसे पर आपत्ति नहीं है...लेकिन मोहन यादव सिर्फ धार्मिक बातें ही करेंगे या रोजगार की भी बात करेंगे। प्रदेश क्राइम से मुक्त हो उसके बारे में कब बात करेंगे।

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वहीं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा है कि गृह विभाग के मुखिया मुख्यमंत्री को लगता है कि गीता पढ़ने से ही प्रदेश में सुरक्षा हो सकती है तो सरकार हर थाने में सिर्फ गीता पढ़ाये और प्रदेश के लोगों को सुरक्षित कराएं। क्या ऐसा हो सकता है? मुख्यमंत्री बताए...क्या इससे कानून व्यवस्था सुधर सकती है ?

BJP ने किया पलटवार

वहीं मंत्री विश्वास सारंग ने विपक्ष पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि व्यवस्था को सुचारू करने का कोई भी प्रयास होगा तो कांग्रेस के पेट में दर्द होगा। गीता जिंदगी जीने का सार बताता है। गीता से अपने व्यक्ति कार्यकुशलता को अर्जित करता है जो पुलिस कर्मियों को पाठ पढ़ाया जाएगा तो इसका सकारात्मक परिणाम मिलेगा। सरकार का स्वागत योग्य कदम है। सनातन हिंदू दर्शन का अपमान करना कांग्रेस और नेहरू परिवार की आदत रही है।

रामचरितमानस के पाठ के बाद अब गीता के पाठ ने प्रदेश में एक नई बहस को जन्म तो दिया है लेकिन इस बीच देखने वाली बात यह होगी कि इससे पुलिस कर्मियों को कितना फ़ायदा पहुंचता है।

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