Edited By Vikas Tiwari, Updated: 20 Oct, 2025 04:52 PM

ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रही बहस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मध्यप्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत ने पूछा कि जब SC-ST वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जा सकता है, तो ओबीसी वर्ग को क्यों नहीं दिया जा रहा है।
भोपाल: ओबीसी आरक्षण को लेकर चल रही बहस पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मध्यप्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है। अदालत ने पूछा कि जब SC-ST वर्गों को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण दिया जा सकता है, तो ओबीसी वर्ग को क्यों नहीं दिया जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय खंडपीठ ने की सुनवाई
यह सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ ने की। अदालत ने इस मामले में मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में यह मांग की गई थी कि राज्य सरकार ओबीसी समुदाय को उनकी वास्तविक जनसंख्या के अनुसार आरक्षण दे, ताकि उन्हें समान अवसर मिल सके।
क्या कहा कोर्ट ने
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा “जब अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) को उनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण दिया जा सकता है, तो ओबीसी को ऐसा क्यों नहीं दिया जा रहा?” कोर्ट ने राज्य सरकार से इस पर विस्तृत जवाब चार हफ्तों के भीतर दाखिल करने को कहा है।
बता दें कि मध्यप्रदेश में वर्तमान में ओबीसी को 27% आरक्षण दिया गया है। हालांकि, ओबीसी संगठनों का दावा है कि उनकी जनसंख्या 50% से अधिक है, इसलिए उन्हें भी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण मिलना चाहिए।